महराजगंज, रायबरेली। गेहूं खरीद में तय लक्ष्य को समय से हासिल करने के लिए, प्रदेश की योगी सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य, इस वर्ष प्रति कुंतल 2125 रुपये निर्धारित किया है। बावजूद इसके किसान सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की बिक्री करने में तेजी नहीं दिखा रहे।
यही वजह से केंद्र प्रभारियों व कर्मचारियों के हाथ पांव फूले हुए हैं कि कहीं वह लक्ष्य से पिछड़ न जाएं, क्योंकि पिछले वर्ष 2022 में भी गेहूं की खरीद की प्रगति बेहद खराब थी.इस वर्ष भी केन्द्रो पर गेहूं लेकर किसान नहीं पहुंच रहे है। जबकि शासन ने किसानो को गेहूं बिक्री के लिए महराजगंज तहसील क्षेत्र में पंद्रह क्रय केंद्र निर्धारित किये गए है।
मार्केटिंग के आठ, पीसीएफ छः और एफ सी आई का एक इन सभी केन्द्रो पर लगभग पंद्रह सौ कुंतल ही गेहूं कि खरीद हो पाई है। सूत्रों की मानें तो किसान बिचौलिये के हाथ गेहूं महंगे दाम पर बेच रहे हैं और कुछ महीने बाद इसमें और महंगाई की उम्मीद करके गेहूं की बिक्री को रोके हुए हैं।
क्रय केन्द्रो पर बेहद धीमी गति से गेहूं की खरीद को देखते हुए शासन ने निर्देश दिए हैं कि क्रय केंद्र प्रभारी गांवों में जाकर गेहूं खरीद करें।
अधिकतर क्रय केंद्र प्रभारी किसानों के घर भी नहीं जा रहे और केंद्रों पर भी ताले लटके हैं। जो प्रभारी निकल भी रहे हैं वे केवल औपचारिकता निभाते और फोटो कराकर लौट रहे हैं। इसकी वजह से महराजगंज क्षेत्र में गेहूं खरीद की रफ्तार तेजी नहीं पकड़ पा रही है। वहीं कुछ केंद्रों से बैनर तक गायब हो गए हैं।
वही पूरे जिले में सामान हालात को देखते हुए शासन ने निर्देेश दिए हैं कि सभी क्रय केंद्र प्रभारी गांव-गांव जाकर किसानों से मिलें और उनको गेहूं बेचने के लिए प्रेरित करें।
शासन स्तर से निर्देश मिलने के बाद में जिला स्तरीय अधिकारियों ने सभी क्रय केंद्र प्रभारियों को निर्देशित किया कि वे गांवों में जाकर किसानों से संपर्क करें। पहले दिन केंद्र प्रभारी गांव में पहुंचे और किसानों से बात कर महज खानापूर्ति कर बैरंग वापस लौट आये।केंद्र प्रभारियों के अनुसार खुले बाजार में गेहूं की कीमत ज्यादा होने की वजह से किसान गेहूं सरकारी केंद्रों पर बेचने से मना कर रहे हैं।
इसको ढाल बनाकर अधिकतर केंद्र प्रभारियों ने गांव में जाना छोड़कर घरों में आराम फरमा रहे है। वहीं कुछ केंद्र प्रभारी जाते हैं तो वह खानापूर्ति करके फोटो कराकर वापस आ जाते हैं।
- अशोक यादव एडवोकेट