लालगंज(रायबरेली)तहसील क्षेत्र में!कहने को तो सरेेनी विकासखंड में सफाईकर्मियों की लम्बी-चौड़ी फौज नियुक्त है।लेकिन दायित्वों के प्रति इनकी लापरवाही के चलते अधिकांश गांवों में सरकार का स्वच्छता मिशन औंधे मुंह गिरा कराह रहा है।दुर्भाग्य यह है कि इस नियुक्ति में ऐसे लोगों की भरमार है,जो समाज के उच्च वर्ग से आते हैं या इतने संपन्न हैं कि उन्हें ये काम उनकी हैसियत को चुनौती देता दिखता है।विडंबना यह है कि अधिकारी ‘मुंदहुं आंख कतहुं कुछ नाहि’ की तर्ज पर इसे नजरअंदाज कर रहे हैं।लापरवाही के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है,गंदगी के चलते गांव की गलियों में निकलना दूभर है,ग्राम सगरा इस अव्यवस्था का जीवंत उदाहरण बन चुका है।सगरा गांव में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है!भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे ग्राम प्रधान की मिलीभगत से सफाईकर्मी भी मौज उडा रहा है और गांव में व्यापक गंदगी फैली हुई है!आप तस्वीरों में स्वयं देख सकते हैं कि किस कदर गांव की नालियां बजबजा रही हैं और नालियों का गंदा पानी गांव की गलियों में भरा हुआ है,लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है,बावजूद जिम्मेदार धृतराष्ट्र बने हुए हैं और सरकार के स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगा रहे हैं!सरकार भले ही स्वच्छता मिशन के नाम पर लाखों रुपये पानी की तरह बहा रही हो लेकिन विकासखंड सरेेनी के सगरा गांव में सफाई के अभाव में गंदगी पसरी है।वहीं नालियां बजबजा रही हैं।दुर्गंध से ग्रामीणों का जीना दुर्भर बना हुआ है! रिपोर्ट- संदीप कुमार मिश्रा
ग्राम प्रधान व सफाईकर्मी स्वच्छ भारत मिशन को लगा रहे पलीता
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