घटने लगा गंगा का जलस्तर क्षेत्रीय प्रशासन ने ली राहत की सांस

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— गंगा का जलस्तर घटने के बावजूद भी कटरी  क्षेत्र के ग्रामीणों में फसल नुकसान के साथ अन्य दुश्वारियां व्याप्त

— कटरी क्षेत्र के गांव में भरे पानी से संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा

— गंगा नदी की तेज धार में बह गई सैकड़ो बीघे सब्जी की फसल

डलमऊ रायबरेली – बीते लगभग एक सप्ताह से गंगा नदी के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी के चलते डलमऊ तहसील क्षेत्र के बाढ़ पीड़ित गांव के ग्रामीणों की हजारों बीघा  सब्जी और धान आदि की फसल जलमग्न होने से नष्ट होने की कगार पर पहुंच चुकी है और कटरी क्षेत्र के किसानों की सैकड़ो बीघे भूमि लगाई गई सब्जी की फसल नदी की तेज धार में बह गई जिससे किसानों में अच्छी कमाई का सपना धरा का धरा रह गया कटरी क्षेत्र के ग्रामीण सुनील कुमार सजन यादव राम शंकर महादेव जगदीश रामकुमार रामेश्वर आदि ने बताया कि जहां एक और गंगा नदी का जलस्तर घटने से क्षेत्रीय प्रशासन  राहत की सांस ले रहा है वही बाढ़ पीड़ित क्षेत्र के गांव में हुए जल भराव से विभिन्न प्रकार की संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा मंडराने लगा है और धन तथा सब्जी की फसल नष्ट होने की कगार पर पहुंच गई है।

नदी की तेज धार से हजारों  कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति तेज धार में बह जाती है और नदी के पानी के साथ रहकर आए खरपतवार खेतों में अपना स्थान बना लेते हैं प्रतिवर्ष क्षेत्रीय प्रशासन फसल नुकसान के अनुदान के नाम पर कृषि विभाग और राजस्व विभाग की टीम द्वारा जांच तो कराई जाती है लेकिन नुकसान का प्रतिशत कम होने के चलते पीड़ित किसान अनुदान पाने की राह देखते रह जाते हैं वही गंगा के जलस्तर बढ़ने से गंगा तट डलमऊ के डूबे स्नान घाटों पर मिट्टी और खरपतवार एकत्रित हो जाने से प्रतिदिन स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है उप जिलाधिकारी डलमऊ अभिषेक वर्मा ने बताया कि गंगा का जलस्तर घटने लगा है और बाढ़ पीढ़ीत क्षेत्र में संक्रामक बीमारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम लगाई गई हैं वहीं हुए कृषि नुकसान की रिपोर्ट के लिए कृषि और राजस्व विभाग की टीमें लगा दी गई है।

रिपोर्ट- विमल मौर्य

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