लालगंज, रायबरेली। लालगंज तहसील में तैनात लेखपाल मनीष पासवान पुत्र रामप्रसाद को तहसील कार्यालय भवन के सभागार के सामने एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों घूस लेते हुए पकड़ा है। वह लालगंज विकासखंड के जगतपुर भिचकौरा गांव का ही निवासी है। वर्तमान में तहसील क्षेत्र के सरेनी ब्लाक के भोजपुर में तैनात था। मंगलवार दोपहर 12बजे एंटी करप्शन टीम ने उसे पीड़ित की शिकायत पर रंगे हाथों पकड़ा है।
बताते हैं कि पूरे नवल थाना सरेनी निवासी राजेश यादव ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन लखनऊ कार्यालय को प्रार्थना पत्र देकर जमीन पैमाइश के नाम पर लेखपाल मनीष के द्वारा घूस मांगे जाने की शिकायत की थी जिस पर विभाग ने प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार सिंह की अगुवाई में टीम बनाकर लालगंज तहसील भेजा। मंगलवार को लेखपाल मनीष ने जैसे ही पीड़ित किसान राजेश यादव से पैसे लिया ,वैसे ही पहले से घात लगाए बैठी एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथो घूसखोर लेखपाल मनीष को 5 हजार रुपए लेते धर दबोचा।
एंटी करप्शन की टीम के द्वारा घूस लेते लेखपाल उस समय पकड़ा गया जब एसडीएम अजीत प्रताप सिंह और तहसीलदार ज्ञान प्रताप सिंह अपने कक्ष में मौजूद थे। घूसखोर लेखपाल के पकड़े जाते ही तहसील के अन्य कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। वही लालगंज तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार भी सामने आ गया है। अभी कुछ दिनों पहले लालगंज तहसील के अधिवक्ताओं ने काम के बदले घूस लेने की रेट लिस्ट भी निकाली थी ।लेखपाल के पकड़े जाने से वकीलों के द्वारा कही गई भ्रष्टाचार की बात सामने आ गई हैं ।
एंटी करप्शन टीम के द्वारा घूसखोर लेखपाल के खिलाफ विधिक कार्यवाही की गई है। वही पीड़ित किसान राजेश यादव ने बताया कि उसने काफी दिन पहले जमीन पैमाइश के लिए लालगंज एसडीएम अजीत प्रताप सिंह को प्रार्थना पत्र दिया था जिस पर लेखपाल पैसे मांग रहा था। उसके पास लेखपाल को देने के लिए पैसा नहीं था जिसके चलते उसने भ्रष्टाचार निवारण संगठन लखनऊ कार्यालय की शरण ली जहां से उसने लेखपाल मनीष को घूस लेते रंगे हाथों पकड़वाया है। रिपोर्ट- संदीप कुमार फिजा