चरखारी का धार्मिक एवं ऐतिहासिक गोवर्धननाथ मेला 13 नवंबर से होगा प्रारंभ

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धार्मिक एवं ऐतिहासिक श्री गोवर्धननाथ जी महाराज का 140वां मेला 13 नवम्बर से प्रारम्भ होने जा रहा है। जिसकी तैयारियां नगर पालिका द्वारा तेजी से की जा रही हैं। मेला परिसर की सफाई’ पुताई का काम तेजी से चल रहा है। मेला में खेल – तमाशा, झूला व दुकानदारों ने डेरा डालते हुए दुकानें लगाना शुरू कर दी हैं।
रियासतकाल काल में 1883 में शुरू हुए धार्मिक मेला सहस्र श्री स्वामी गोवर्धन्नाथ जू का 140 वां आयोजन 13 नवम्बर से हो रहा है। जो कि पूरे एक माह चलते हुए 13 दिसम्बर को समाप्त होगा। मेला का आयोजन नगर पालिका परिषद द्वारा कराया जाता है जिसके के लिए सभी तैयारियां पालिका परिषद द्वारा तेज कर दीं गयी हैं। मेला मंदिर व परिसर की सफाई व पुताई का कार्य अंतिम चरण हैं साथ ही मेला में लगने वाली दुकानों का ले आउट भी कर्मचारियों द्वारा शुरू कर दिया गया है। मेला भले ही धार्मिक महत्व का एवं ऐतिहासिक हो लेकिन शासन की उपेक्षा के कारण रियासतकाल में शुरू हुआ आलीशान मेला प्रजातन्त्र में अंतिम सांसे गिन रहा है। मेला के कोई बजट शासन स्तर से न मिलने के कारण नगर पालिका द्वारा इसका आयोजन राज्य वित्त आयोग के जरिए लगवाया जाता है। लेकिन अब राज्य वित्त की राशि भी इतनी कम है कि इसमें कर्मचारियों के वेतन व पेंशन के ही लाले पड़े हुए हैं ऐसी दशा में मेले पर आने वाला लाखों का खर्चा पालिका के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। कोरोना काल के बाद से ही मेला औपचारिकता के लिए सज रहा है। मेला के दौरान आयोजित होने वाले अधिकांश कार्यक्रम’ सांस्कृतिक कार्यक्रम’ धार्मिक कार्यक्रम’ खेलकूद प्रतियोगिताएं आदि सभी पर इसका असर देखा जा रहा है। मेला का पहला दौर धार्मिक कार्यक्रमों का रहता है जिसमें यज्ञ’ रामकथा’ रासलीला’ रामलीला आदि से होता है लेकिन सीमित धन के कारण सभी कार्यक्रम औपचारिक ही होंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों से मंच गत वर्ष की तरह से खाली रहेगा। अखिल भारतीय स्तर का हाकी टूर्नामेंट तथा पूरे देश का एक मात्र तहसील स्तर का टूर्नामेंट का आयोजन होता आया है लेकिन कोरोना के दौरान हाकी टूर्नामेंट पूरी तरह से ठप्प हो गया है। देश में भले ही क्रिकेट का रोमांच युवाओं में हो लेकिन चरखारी में शुरू से ही हाकी का प्रेम लोगों में दिखाई देता रहा है और कोरोना काल के बाद से हाकी टूर्नामेंट बन्द होने से हाकी प्रेमियों में मायूसी है तथा अखिल भारतीय टूनामेंट के 75वें आयोजन के बाद से लोग इसे आगे बढ़ना देखना चाहते हैं लेकिन मायूसी ही हाथ लग रही है। औपचारिक ही सही लेकिन धार्मिक मेला को सफल बनाए जाने के लिए पालिका अध्यक्ष मंजू कुशवाहा’ प्रतिनिधि रामपाल कुशवाहा’ वरिष्ठ लिपिक अययूब खां’ मेला प्रभारी संजीत कुमार व प्रवीण रिछारिया भी मेला की तैयारियों में जुटे हुए हैं।

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

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