चित्रकूट में नवरात्रि में होंगे जीवित ‘शेर‘ के दर्शन

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– नवरात्रि में पर्यटकों के लिये खुल सकता है रानीपुर टाइगर रिजर्व
– प्रदेेश का पहला स्काईवाक है तैयार, शबरी प्रपात की दिखायेगा अप्रतिम छटा, 6 साल से कम बच्चों की नहीं होगी इंट्री
– 6 गांवों को बनाया गया पर्यावरणीय पर्यटकीय गांव, पाठा का गीत संगीत, भोेजन व संस्कृति से परिचित होंगे लोग
– सैकड़ों गांवों के लोगों को खुल सकते हैं रोजगार के अवसर, पाठा के आयुर्वेदिक उत्पादों को मिल सकता है बड़ा मंच 
आने वाली नवरात्रि योगी सरकार चित्रकूट के निवासियोें के लिए एक बड़ी सौगात लेकर आ रही है। अगर सब कुछ सही रहा तो अगली नवरात्रि में प्र्रदेेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माता जगदम्बे के वाहन के साथ ही अन्य विलक्षण प्रजाति के पशु व पक्षियों को आपके लिये चित्रकूट के जंगलों में सजीवता के देखना शुरू करवा सकते हैं। 
यूपी का चौथा चित्रकूट में रानीपुर टाइगर रिजर्व बनकर तैयार हो चुका है। आशा की जा रही है कि नवरात्रि तक यह आम लोगों के लिए खोेल दिया जाएगा। रानीपुर टाइगर रिजर्व के निदेशक नरेंद्र कुमार सिंह का मानना है यह टाइगर रिजर्व देेश में अनूठा होगा, क्योंकि यहां पर हमने वनवासियों के जीवन स्तर को भी उठाने का संकल्प लिया है। इससे न केवल पाठा के रहने वाले आदिवासियों के आय के साधन बढेंगे बल्कि वे अपने आपको विश्व के साथ जोड़कर अपडेट कर सकेंगे। इस टाइगर रिजर्व के अंदर जहां एक ओर चीता,भालू, लोमड़ी सियार, पैंथर, मिद्दराज समेत तमाम तरह के पशु पक्षी सरीसृप के दर्शन होंगे, वहीं शबरी प्रपात और राघव प्रपात के नयनाभिराम दृश्य लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे।
इको विलेज सुधारेंगे वनवासियों का जीवन
रानीपुर टाइगर रिजर्व के निदेशक नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 6 गांव मनगवां, टिकरिया, छेरिहा,कोहनिया, कल्याणपुर व चौरी को इको गांवों के रूप में डेवलप किया गया है। ग्राम वन्य समितियों के तत्वावधान में इन गावों के लोगों को पूरी तरह से प्रशिक्षित किया गया है। ग्राम वन्य समितियों में ग्राम वासियों के साथ फारेस्ट गार्ड सदस्य सचिव है। इनकी ओपेन बैठकों में निर्णय लेकर कार्य कराये जाते हैं। इन गांवों को इस तरह डिजायन किया गया है कि वहां पर आकर पर्यटक पाठा की ओरीजनलिटी से परिचित हों।
किहुनिया गांव में इकोलॉजी हट्स का निर्माण किया गया है। यहां पर पुराने रेस्ट हाउस को रेनोवेट कर नई साज सज्जा से सुशोभित किया गया है। शेल्टर होम, कैफेटेरिया के साथ 3 स्विज कॉटेज का निर्माण किया गया है। यहीं पर बच्चों के लिए एक पार्क का भी निर्माण किया गया है। यहीं पर पूरे टाइगर रिजर्व को दर्शाता प्रकृति चित्रण स्थल का भी निर्माण किया गया है। यहां पर भोजन के साथ ही लोग पाठा क्षेत्र के गीत संगीत का आनंद ले सकते हैं।
स्काईवाक है तैयार
शबरी प्रपात की जलधारा का पास से देखने का अनुभव ं धनुषाकार स्काईवाक से किया जा सकता है। यह प्रदेश का पहला है। इसमें प्रवेश सशुल्क होगा। जिसमें दो कटेगरी बनाई गई है। पहली कटेगरी 6 साल से 12 साल तक के बच्चे होंगे, इनका प्रवेश शुल्क 50 रूपया, जबकि 12 साल से बड़े लोगों का प्रवेश शुल्क 100 रूपया होगा। 6 साल से कम उम्र के बच्चे स्काईवाक में प्रवेश नही कर पायेेगे।
घूमने की यह है व्यवस्था
रानीपुर टाइगर रिजर्व की ओर से गाइड व गाडियों की व्यवस्था की गई है। वैसे प्राइवेट गाडियां भी शुल्क देकर टाइगर रिजर्व में प्रवेश कर सकती हैं। 2 गाड़ियां एनटीसीए की तरफ से आ चुकी हैं। गाइड भी तैयार किये गये हैं।
इतने हैं जानवर
रानीपुर टाइगर रिजर्व के निदेशक ने बताया कि अभी 4 टाइगर, 67 लेपर्ड, भारी मात्रा में हिरन, 201 भालू, चीतल, सांभर के साथ भारी मात्रा में राजगिद्द की पहचान की गई है। उन्होंने बताया कि यह संख्या पन्ना टाइगर रिजर्व के जानवरों के कारण घट बढ सकती है। क्योंकि दोनों का एरिया एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही छोटे जानवरों व पक्षियों की प्रजातियां भारी मात्रा में हैं।
इतना है क्षेत्रफल
रानीपुर टाइगर रिजर्व 36 वर्ग किलोमीटर में फैला है। 230.32वर्ग किलोमीटर कोर क्षेत्र 299.05 वर्ग किलेामीटर बफर क्षेेत्र वाला यह टाइगर रिजर्व बाघ संरक्षण के लिए बनाया गया है।
आशान्वित हैं अधिकारी
रानीपुर टाइगर रिजर्व के निदेशक नरेंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि केद्र व राज्य सरकार का यह प्रोजेक्ट केवल पर्यटकों के लिए नही है बल्कि इसके बड़े मायने हैं। यह प्रोजेक्ट जहां वन्य जीवों की रक्षा का भाव जगायेगा, वहीं वनवासी लोगों को भी आगे बढा़ने का काम करेगा। इस प्रोेजेक्ट से पाठा क्षेेत्र का खान पान, गगीत संगीत और रहन सहन सभ्यता व सस्कृति विश्व स्तर पर फैलेगी। जिससे यहां के स्थानीय लोगों का उत्थान होगा।

कहते हैं समाजसेवी
पाठा क्षेत्र में पिछले 50 सालों से अनवरत कोल आदिवासियोें के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, अधिकार व अन्य समस्याओं को लेकर काम कर रहे अखिल भारतीय समाजसेवा संस्थान के संस्थापक गोपाल भाई कहते हैं कि सरकार का यह प्रयास सराहनीय है। अगर विभाग पाठा क्षेत्र की संस्कृति, सभ्यता, गीत संगीत, खान पान को आगे बढाने का काम कर रहा है, जिससे वहां के लोगों को रोजगार मिलने की आशा है, तो निश्चय ही यह स्वागतयोग्य है। ऐसे हर अच्छे काम का हम सदैव उनका समर्थन करेंगे।

प्रदेश सरकार की सौगात
चित्रकूटधाम मंडल के विधान परिषद सदस्य जीतेंद्र सिह सेंगर कहते हैं कि यह प्रदेश सरकार की चित्रकूट धाम को सौगात हैं। आने वाले समय में रानीपुर टाइगर रिजर्व पाठा क्षेत्र की संस्कृति, वन्य जीवन को आगे बढाने के साथ ही रोजगार का एक बड़ा माध्यम बनेगा। इससे न केवल स्थानीय तौर पर रोजगार के साधन पैदा होंगे, बल्कि पर्यटन यहां की बड़ी आय में वृद्वि करेगा।

रिपोर्ट- संदीप रिछारिया

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