चित्रकूट है तीर्थों का राजाः साध्वी कात्यायिनी

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मानस मंथन अनुष्ठान

– श्रीकामदगिरि परिक्रमा मार्ग स्थित ब्रह्मकुंड शनि मंदिर में शुरू हुई कथा

चित्रकूट । श्रीराम जी कथा कहीं भी की जाए उसका फल अवश्य मिलता है, तीर्थ में किया जाने पर उसका फल बहुत बढ़ जाता है और फिर चित्रकूट तो तीर्थों का राजा है, यहां पर श्रीराम जी कथा का अमोघ फल प्राप्त होता है। यह वाक्य साध्वी कात्यायिनी ने श्रीकामदगिरि परिक्रमा मार्ग स्थित ब्रहमकुंड के शनि मंदिर प्रांगण पर मानस मंथन अनुष्ठान के पहले दिन कहीं।

उन्होंने कहा कि चित्रकट में ब्रहम कुंड अधूता सा हो गया है, इस स्थान पर कथा होने का विशेष फल है। इस प्रकृति की गोद में बैठकर मां पयस्वनी के नजदीक कथा कहने का मुझे गौरव मिला मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं। आज मां वाग्देवी का प्राकट्य दिवस हैं। मां सरस्वती शब्द की देवी है। कोई सुंदर बोलता, नाचता,गाता हो उस पर माता सरस्वती की कृपा हेती है। जब मां सरस्वती का प्राकटय हुआ तो हवा चलने लगी, शब्द फूटने लगे। यहां पर पयस्वनी माता का प्राकट्य हो यह हम सब की इच्छा है। भक्ति में जब पवित्र भावना का समावेश होता है तो कार्य सिद्व हो जाता है।

इसके पूर्व पोथी यात्रा निकली गई। पोथी शोभायात्रा में मंगल कलश लेकर महिलाएं व पोथी लेकर यजमान लोग श्रीकामदगिरि परिक्रमा पथ पर आगे बढ़े। इस दौरान महिलाएं व पुरूष श्रीराम जय राम जय जय राम का कीर्तन कर रहे थे। मानस मंथन अनुष्ठान श्रीराम सेवा मिशन के तत्वावधान में आयोजित हो रहा है। कथा के व्यवस्थापक सत्यनारायण मौर्य, संतोष तिवारी आदि ने बताया कि यह कथा 24 फरवरी तक चलेगी व 25 को भंडारा होगा। इस दौरान गोलोक धाम के संचालक दयाशंकर गंगेले उर्फ दया महराज, हिंदू एकता निर्माण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सिंह पंवार, महासचिव चंचलेश यदुवंशी,गंगासागर महराज सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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