जनपद में नहीं थम रहा महिलाओं के साथ अत्याचार

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रिपोर्ट- सुधीर त्रिवेदी वरिष्ठ संवाददाता

● पीड़ित बच्ची को लेने पंहुचे परिजन को भी ससुरालजनों ने पीटा ।

● रिटायर फौजी ने एक साल पहले सेमरी गांव में की थी बेटी की शादी ।
● पीड़ित ने ससुरालजनों पर अत्याचार के लगाए आरोप ।

बाँदा—–भारत में महिला अपराध और अत्याचार रोकने के लिए सरकार और कई संगठन लगातार अभियान चला रहे हैं और कई कानून भी महिला हित पर बनाए गए हैं वही देश की सीमा पर खड़े फौजी को भी देश का बच्चा-बच्चा सलूट करता है और सम्मान देता है लेकिन पुलिस का रवैया आज भी जस का तस है और कानून व्यवस्थाएं थम सी गई हैं
आपको बता दें महोबा जिले के कबरई थाना क्षेत्र में रहने वाले रिटायर फौजी शिवचरण प्रजापति ने अपनी बेटी की शादी 1 साल पहले तिंदवारी थाना क्षेत्र वासिलपुर सेमरी में की थी। जिसके बाद से ही दहेज को लेकर बच्ची के साथ प्रताड़ना शुरू हो गई और इन घटनाओं के बाद कई बार समझौते भी हुए लेकिन ससुराल जनों का अत्याचार नहीं रुका । बात 8 मई 2021 की है जब अचानक पीड़िता बच्ची ने अपने घर में फोन लगाया और रोते हुए अपने ऊपर हुए अत्याचार की माता- पिता को व्यथा सुनाई फोन पर बताई ।
बच्ची ने माता पिता से कहा कि उसकी कई दिनों से तबियत खराब थी लेकिन उसका इलाज नहीं कराया गया इस पर भी जब वह घर का काम नहीं कर सकी तो ससुराल जनों ने पीड़िता को जमकर पीटा यह सुनते ही रिटायर्ड फौजी और उसकी पत्नी पीड़िता को लेने सेमरी पहुंच गए जहां दोनों परिवारों में काफी कहासुनी हुई रिटायर्ड फौजी ने बताया कि जब उन्होंने बच्ची को पीटे जाने पर सवाल उठाए तो ससुराल जनों ने उनकी पत्नी और उन्हें भी जमकर मारा पीटा।
इसके बाद जब वह तिंदवारी थाने पहुंचे तो उनकी बच्ची बेहोशी हालत में थी जिसे थाने में बाहर रखी बेंच पर लेटा दिया जिससे थाना इंचार्ज साहब नाराज हो गए और गाली गलौज भी कर दी इतना ही नही उनके मोबाइल में घटना के पड़े वीडियो भी थाना इंचार्ज साहब ने डिलीट कर दिए। इससे आहत होकर रिटायर्ड फौजी बच्ची को लेकर अपने गांव चले आए और जिसकी शिकायत महोबा पुलिस अधीक्षक से की जहां पुलिस अधीक्षक ने मुकदमा दर्ज करने की बात कही है इसके बाद रिटायर्ड फौजी ने बांधा पुलिस अधीक्षक से मिलना चाहा लेकिन उनके पीआरओ ने पुलिस अधीक्षक से नहीं मिलने दिया और भगा दिया जिसके बाद रिटायर्ड फौजी ने चित्रकूट धाम मंडल बांदा के आईजी से शिकायत की है अब देखने वाली बात यह है कि आखिरकार बच्ची को न्याय मिलता है या कानून व्यवस्था बांदा में केवल अपराधियों और अमीरों के लिए ही है क्योंकि पता यह भी चला है कि पीड़िता का पति पहले से ही बलात्कार के आरोप में जेल जा चुका है।

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