जब इन बच्चों ने सौंपे महिला थाने में अपने गुल्लक

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संकट की इस घड़ी में लोगों की सेवा के लिए जी-जान से जुटे पुलिसवालों के जज़्बे को भी लोग सलाम कर रहे हैं। ऐसे में उनके बच्चे भी लोगों की मदद में पीछे नहीं हैं। कोरोना संकट की इस घड़ी में पुलिस कालोनी के बच्चों के साथ गुल्लक लेकर गोरखपुर महिला थाने पहुंचे बच्चों ने वहां की प्रभारी इंस्पेक्टर मां और सिपाहियों का दिल जीत लिया। बच्चों ने जरूरतमंदों की मदद के लिए गुल्लक के 4600 रुपए भी उन्हें सौंपे।

ये था मामला

जानकारी के मुताबिक, संकट की इस घड़ी में हर कोई मदद को आगे बढ़ था है। पुलिस वालों के इसी कर्तव्यनिष्ठा और दूसरों की मदद के जज्बे को देखकर गोरखपुर के महिला थाने की प्रभारी इंस्पेक्टर अर्चना सिंह के बच्चों अविराज और आन्या से भी रहा नहीं गया. वे अपनी ही पुलिस कॉलोनी के दो बच्चों के साथ महिला थाने गुल्लक लेकर चल दिए। यह भावुक क्षण जब चारों बच्चे महिला थाने पर गुल्लक लेकर पहुंचे उन्होंने इंस्पेक्टर मां के हाथों अपना गुल्लक सौंपा और इन रुपयों से जरूरतमंदों की मदद करने की अपील की।

यह भावुक क्षण देखकर महिला थाना प्रभारी अर्चना सिंह और वहां मौजूद महिला सिपाहियों की आंखें भी नम हो गई। उन्होंने बच्चों की इतनी बड़ी सोच की तारीफ की और कहा कि सभी लोग जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसे में उनके बच्चों ने कॉलोनी के बच्चों के साथ थाने पर आकर जो मदद की है, यह बहुत ही बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि मां होने के नाते उनके लीजिए और भी बड़ा भावुक क्षण है। इसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

बच्चों ने कहा ये

पुलिस कॉलोनी की रहने वाली बच्ची ऋषिता ने कहा कि पुलिस वाले हर किसी की मदद कर रहे हैं उन्हें राशन से लेकर खाना तक उपलब्ध करा रहे हैं ऐसे में उनके भी मन में आया कि वे अपने गुल्लक से इस संकट की घड़ी में जरूरतमंदों की मदद करें और उन्होंने महिला थाने आकर अपना गुल्लक जरूरतमंदों की मदद के लिए सौंपा है उन्हें उम्मीद है कि उनके दिए हुए रुपयों से जरूरतमंदों की कुछ मदद हो पाएगी।

वही महिला थाना प्रभारी अर्चना सिंह के बेटे अविराज सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने गुल्लक के रुपए थाने पर दिए हैं। उसे उम्मीद है कि इन लोगों से जरूरतमंदों की मदद हो पाएगी। टीवी पर पुलिसवालों को दूसरों की मदद करते हुए देखकर उनके मन में भी यह ख्याल आया कि वह भी अपने गुल्लक में जमा किए हुए रुपए से दूसरों की मदद कर सकते हैं. उन्हें उम्मीद है कि यह रुपए जरूरतमंदों के काम आएंगे।

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