जब थाने पर नहीं मिला न्याय तो दिव्यांग महिला रेंगते-रेंगते पहुंची पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चौखट पर

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रायबरेली। सूबे की सरकार लगातार महिलाओं की सुरक्षा के लिए बड़े-बड़े दावे करती है ताकि महिलाओं को थाने पर ही न्याय मिल जाए जिसके लिए महिला हेल्प डेस्क बनाया गया ताकि समस्याओं को वहीं पर निस्तारण हो सके जिसके लिए शनिवार को थाना दिवस का कार्यक्रम भी रखा जाता है ताकि दूर से आए पीड़ित फरियादियो की समस्याओं का निस्तारण हो सके लेकिन अभी भी कुछ ऐसे थाने हैं जहां पर पीड़ितों को न्याय नहीं मिलता लेकिन एक ऐसा ही मामला रायबरेली के डलमऊ थाने से निकल कर सामने आया है जहां अपने ससुराल से प्रताड़ित एक विकलांग महिला अपने दो छोटे छोटे बच्चे के साथ रेंगते रेंगते पुलिस अधीक्षक कार्यालय की चौखट पर जा पहुंची।पूरा मामला रायबरेली के ग्राम देवन्ना थाना कोतवाली डलमऊ का है जहां अपने ससुराल से परेशान विकलांग महिला अपने दो मासूम छोटे बच्चों के साथ रेंगते रेंगते जा पहुंची पुलिस अधीक्षक कार्यालय।
वही विकलांग महिला ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि ससुराल के लोग हमें मारते पीटते हैं हमें कहीं जाने नहीं देते हैं मेरे पति की 4 साल पहले किसी हादसे में मृत्यु हो गई मैं गरीब हूं मैं अपने बच्चों का भरण-पोषण स्वयं करती हूं अगर मैं किसी से बात कर लेती हूं तो मेरे ससुराल जनों को अच्छा नहीं लगता है तो मदद के लिए मैं लोगों से हाथ जोड़ती हूं तो पैसे मुझे मिल जाए मेरे बच्चों की परवरिश हो जाए लेकिन ये सब ससुराल जनों को पसंद नहीं आता है, और उन्हें लगता है कि मैं किसी से बात करती हूं तो वह मेरे ऊपर गलत आरोप लगाते हैं।जिससे वह हमें मारते पीटते हैं यहां तक कि कई बार मुझे और मेरे बच्चों को जान मारने की कोशिश की गई किसी तरह जान बचाकर गांव के ही लोगों के पास पहुंची। कई बार थाना डलमऊ में शिकायत भी किया लेकिन उसका कोई निस्तारण ना हो सका फिलहाल आज विकलांग महिला की मुलाकात अपर पुलिस अधीक्षक विनय सिंह से हुई जहां विनय सिंह ने महिला की एप्लीकेशन लेकर थाने को सूचित किया फिलहाल अब देखना है कि महिला को न्याय मिलता है या फिर नहीं।

रिपोर्ट- संदीप कुमार फिजा

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