प्रतापगढ़ बहुत दिनों बाद शनिदेव धाम कुशफरा जाने का शुभ अवसर मिला। वहां के वातावरण को देखकर अतीव प्रसन्नता हुई।
18 नवंबर 2020 को हमारे परम मित्र हमारे शुभचिंतक शनिदेव धाम के महंत परम श्री वैष्णव परमात्मानंद परमा महाराज का परम पद हो गया था। उसी दिन दास ने समाज के संभ्रांत व्यक्तियों की राय से उनके सबसे छोटे पुत्र मंगलाचरण जो महराज श्री की सेवा तथा शनि देवता भगवान की सेवा में सहयोग करते थे, तथा प्रतापगढ़ की लावारिस लाशों के खेवनहार थे। उन्हें मंदिर के मंहथ की जिम्मेदारी सौंपा था।
मुझे अतीव प्रसन्नता है कि मैंने कोई गलती नहीं किया था। उस जिम्मेदारी को वह बहुत ही ईमानदारी, कर्मठता एवं धर्म परायणता के साथ निर्वहन कर रहे हैं। समय-समय पर यज्ञ, अनुष्ठान एवं भंडारा तथा संतो एवं आगंतुकों की सेवा में अपना समय व्यतीत करते रहते हैं। आप द्वारा बहुत ही सुंदर यज्ञ मंडप एवं पूज्य महाराज श्री वैकुंठ वासी परमा महराज के श्री विग्रह को स्थापित किया गया है जो बिल्कुल सजीव दर्शनीय है।
भगवान जगन्नाथ जी से दास की प्रार्थना है। हे ठाकुर जी मंगलाचरण एवं उनके परिवार पर सदा आपकी कृपा बनी रहे।
धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास रामानुज आश्रम संत रामानुज मार्ग शिव जी पुरम प्रतापगढ़ रिपोर्ट- अवनीश कुमार मिश्रा
जय श्रीमन्नारायण
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