ठंडे बस्ते में डब्ल्यूबीएम सड़क निर्माण धांधली की 2 लाख की रिकवरी प्रक्रिया

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– 20 दिन बीत जाने के बावजूद नहीं हो पाई वसूली।

– एक हफ्ते में वसूली के दिए थे आदेश।

– मानकविहीन निर्माण की जांच में पाया गया था आधे से भी कम मैटेरियल का प्रयोग।

महोबा, अपनी अनियमितताओं को लेकर आए दिन चर्चा में रहने वाली ज़िले की जैतपुर ग्राम पंचायत एक बार फ़िर से सुर्खियों में है। स्वच्छ भारत मिशन, प्लास्टिक कचरा बैंक, कभी मनरेगा तो कभी हैंडपंप मरम्मत और पशु शेड के आबंटन जैसे ढेरों विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें बढ़ती ही जा रही हैं।

बता दें कि बीते जैतपुर के पूर्व ब्लॉक प्रमुख एवं समाजसेवी डॉक्टर कौशल सोनी द्वारा सीपी ग्राम पोर्टल पर दर्ज शिकायत के सापेक्ष डीसी मनरेगा की उपस्थिति में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियंता द्वारा डब्ल्यूबीएम सड़क निर्माण की जांच में धांधली पाई गई थी। मानक और गुणवत्ता में भ्रष्टाचार प्रकाश में आने के बाद डब्ल्यू बीएम सड़क निर्माण में जांच के बावजूद कार्यवाही न होने के चलते डीएम से भी शिकायत की गई थी। जिलाधिकारी महोबा मृदुल चौधरी को लिखित शिकायती पत्र सौंपकर कार्यवाही की मांग के बाद भी अबतक रिकवरी नहीं कराई जा सकी है।

शिकायतकर्ता डॉक्टर कौशल सोनी ने मनरेगा योजना में हुए भ्रष्टाचार के संबंध में सड़क निर्माण एवं पशुशेड निर्माण जैसे कार्यों को मानकविहीन तरीके से कराए जाने को लेकर जिलाधिकारी महोबा को अवगत कराया था। जिसमें शिकायत के सापेक्ष मनरेगा आयुक्त और उपायुक्त मनरेगा द्वारा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियंता से मौके पर सड़क निर्माण की जांच कराई गई थी। जांच के दौरान मानक के आधे से भी कम मैटेरियल का होना एमबी में दर्ज पाया गया था। जांच रिपोर्ट में तीनों साइटों पर ₹ 257893 का मटेरियल कम प्रयोग में लाया हुआ पाया गया। जबकि तीनों साइट अलग-अलग नाम से हैं और सड़क मौके पर एक ही है। इस सबसे स्पष्ट हो गया था कि भ्रष्टाचार की मंशा से कार्य कराया जा रहा था।

पूरे मामले में शिकायतकर्ता डॉक्टर कौशल सोनी का आरोप है कि कार्यवाही प्रपत्र अब तक शिकायतकर्ता को दिखाया ही नहीं गया। उनका आरोप है कि सरकारी पैसे के गबन की घटना और जांच आदि से अवगत कराने के बावजूद कार्यवाही ठंडे बस्ते में डाल दी गई प्रतीत होती है। जिम्मेदार कुछ भी कहने से बच रहे हैं ऐसे में जिम्मेदारों का मनरेगा जैसे संवेदनशील मामलों में ढिलाई बरतना भ्रष्टाचारियों को धरातल पर अन्य मामलों में का गज़ी फेरबदल का मौक़ा और मजबूती दोनो ही प्रदान कर रहे हैं।

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

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