डलमऊ पुलिस को आखिर क्यों गिरफ्तार करना पड़ा आईपीएस को!

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रायबरेली: ठगी के तरह-तरह के हथकंडे पूरे उत्तरप्रदेश में अपनाये जा रहे हैं. फौजी का इंतजार ऐसा ही एक मामला आज जनपद में एक ठग को पकड़ा गया. वह अपने को अंडर ट्रेनिंग आईपीएस अधिकारी बन कर ठगी करता था. आपको बताते चले ,उसने शुरुआत में जिले के सलोन कोतवाली क्षेत्र के नुरूदीन ग्राम प्रधान पति भूपेंद्र सिंह को फोन कर उसे अपनी बातों से ठग कर पहले उससे ₹12000 ठग लिए और दोबारा फिर प्रधान पति को बेवकूफ बनाकर उससे एक कुत्ता भी खरीद लिया उसके बाद यह फर्जी आईपीएस अधिकारी प्रधान पति के साले को फोन कर रंगदारी मांगने का दबाव लगातार बना रहा था जिसकी लिखित शिकायत प्रधान पति द्वारा सलोन कोतवाली में दर्ज कराई थी जिसके बाद से चलो कोतवाली पुलिस मामले की जांच में जुट फर्जी अधिकारी के फोन को ट्रेस करने के लिए जांच अधिकारियों को लगाया गया था।

दोबारा इसने इसने डलमऊ कोतवाली में थाना प्रभारी से एक लड़की के नंबर की सीडीआर निकलवाने की मांग करी और अपने को अंडर ट्रेनिंग आईपीएस आयुष श्रीवास्तव अपना नाम बताया शुरुआत में थाना प्रभारी को शक तो हुआ था लेकिन पूरी पुष्टि करने के लिए वह लगातार उसके संपर्क में बने रहे और फर्जी आईपीएस अधिकारी बताने वाला ठग लगातार डलमऊ प्रभारी पर दबाव बनाता रहा जिसके बाद डलमऊ प्रभारी ने उपरोक्त नंबरों को सर्विलांस में लगवा कर चेक करवाया तो जिन नंबरों से वह फोन करता था और जो नंबर में आईडी लगी हुई थी वह सारी आईडी फर्जी थी उसके बाद डलमऊ पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए अपनी पुलिस टीम गठित करते हुए सर्विलांस की मदद से आज उसे दबोच लिया कुछ दिन पूर्व इस फर्जी आईपीएस अधिकारी ने जिले के अपर पुलिस अधीक्षक को भी फोन कर अपना झूठा परिचय और अन्य उच्च अधिकारियों का रिश्तेदार बताते हुए कई बार फोन किया था फिलहाल डलमऊ पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर फर्जी आईपीएस अधिकारी को जेल भेज दिया गया है

गिरफ्तार फ़र्ज़ी आईपीएस आकाश श्रीवास्तव पुत्र जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव निवासी हाजीपुर जनपद मिर्जापुर के मूल निवासी हैं उससे पुलिस द्वारा जब कड़ाई से पूछताछ की गयी तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. उसने बताया कि वह फर्जी तरीके से वीआईपी सुविधा पाने व पैसा कमाने के लिए ऐसा करता था. इसके पूर्व में कई बार ऐसा करनामा कर चुका है. पुलिस अब आरोपी के आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच कर आगे की कार्रवाई में लगी है. बेटा चले हो फर्जी आईपीएस के पास से पुलिस को एक अवैध असलहा दो मोबाइल दो फर्जी सिम कार्ड और एक आधार कार्ड बरामद हुआ है

ट्रूकॉलर में भी बदल दिया था नाम

गिरफ्तार अभियुक्त फर्जी आईपीएस ने अपना ट्रूकॉलर में अपना नाम आकाश श्रीवास्तव से हटाकर आयुष श्रीवास्तव आईपीएस के नाम से फीड कर दिया था जिसके बाद जिस को भी वह फोन करता था तो उनके ट्रूकॉलर पर आयुष श्रीवास्तव आईपीएस लिखकर आता था जिससे व्येक्ति उसे असली आईपीएस अधिकारी समझ बैठता था

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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