राकेश कुमार अग्रवाल
कुलपहाड ( महोबा ) । न चक्रवात न तूफान केवल दस मिनट की आंधी ने जिले की प्रशासनिक मशीनरी की कार्यप्रणाली की कलई खोल दी है। दो दिन बाद भी जिले का सबसे बडा गांव बेलाताल का तीन चौथाई हिस्सा अंधेरे में डूूबा है। सैकडों पेड़ इस आंधी में धराशाई हुए है। ट्रेक्टर पर भारी भरकम पेड़ गिरने से एक किसान का ट्रेक्टर और ट्राली दोनों चकनाचूर हो गए हैं।लगता है कि कोरोना से प्रशासनिक तंत्र को लकवा मार गया है। संविदा कर्मियों के भरोसे चल रहे बिजली विभाग का लगता है कोई पुरसाहाल लेने वाला नहीं है। आँधी ने भीषण गर्मी में लोगों के दुख और बढा दिए हैं। दर्जनों खम्भे व उनके तार तहस नहस होने से कई गांवों की बिजली सप्लाई ठप हो गई है। बेलाताल में घुसयाना से लेकर अरविन्द मेडीकल स्टोर तक बिजली आपूर्ति दो दिन बाद भी बिजली विभाग बहाल नहीं कर पाया है।आँधी व बरसात से बेलाताल गांव में हाइटेंशन लाइन के खम्भे टूट गये हैं। खम्भे टूट कर गिरने से विकास खण्ड जैतपुर क्षेत्र के तमाम गांवो की बिजली सप्लाई ठप हो गई है।आँधी के समय बिजली ठप थी, नहीं तो और भी बड़ा हादसा हो सकता था।सैडों पेडों के गिरने से अवरुद्ध हुआ यातायात ग्रामीणों की मदद से बहाल हो गया है।कुलपहाड के उदयप्रकाश पालीवाल का अकौनी के निकट ट्रेक्टर कृषि कार्य के लिए गया था । आँधी के पहले उदयप्रकाश ने ट्रेक्टर एक पेड के पास खडा कर दिया था। आंधी में भारी भरकम पेड ट्रेक्टर पर गिरा। जिससे ट्रेक्टर और ट्राली दोनों चकनाचूर हो गए। अभी तक ट्रेक्टर पेड के नीचे दबा हुआ है।उदयप्रकाश ने प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दे दी है।दूसरी ओर कई गांव के सैकड़ों बिजली उपभोक्ताओं के घरों की बिजली सप्लाई ठप हो गई।ग्रामीणों ने इसकी सूचना बिजली विभाग के अधिकारियों को दी है लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण काम भी कच्छप गति से चल रहा है।