रिपोर्ट – शिवा मौर्या
रायबरेली – जिस पुलिस ने लॉक डाउन में लोगो की मदद करके खूब वाहवाही बटोरी और शोसल मीडिया के साथ साथ अखबारों और न्यूज़ चैनलों की सुर्खियां बनी रही वह पुलिस अब शायद लॉक डाउन में छूट मिलने के बाद निष्क्रिय हो चली या फिर सत्ता के दबाव में काम करने लगी । जिले में भले ही कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए पुलिस हर संभव प्रयास कर रही हो मगर बेखौफ अपराधियों ने दिनदहाड़े चौराहे पर रंगदारी मांग कर पुलिस को बड़ी चुनौती दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गाजियाबाद जनपद के भोपुरा निवासी किशन सिंह ने मिल एरिया थाने में तहरीर देकर बताया कि आज दोपहर जब वह अपनी बस को लेकर दिल्ली से सुल्तानपुर जा रहा था तो थाना क्षेत्र के सारस चौराहे के पास दीपक सिंह, अनूप सिंह और धीरज मिश्रा नामक तीन युवकों ने गाड़ी रोककर तोड़फोड़ की और 25300 रूपये छीन कर ले कर गए। पीड़ित ने तहरीर में आरोप लगाया है तीनों युवकों ने उसके साथ मारपीट भी की और जाते-जाते उसको यह भी धमकी भी लेकर आगे से रंगदारी नहीं दोगे तो ऐसे ही होता रहेगा पीड़ित ने पुलिस से कार्रवाई करने की मांग की है । पुलिस ने फिलहाल पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है । साथ ही यह भी बताया की इन सभी युवकों को किसी सफेदपोश का संरक्षण प्राप्त है। फिलहाल पुलिस ने तहक़ीक़ात शुरू कर दी है , देखना यह दिलचस्प होगा की पुलिस इन लोगों के संरक्षण दाता तक पहुंचती है या महज खानापूर्ति करके इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल देती है।
पुलिस पर सवालिया निशान आखिर कैसे बेधड़क हो गए हैं बदमाश?
बेहद ही महत्वपूर्ण हाईवे लखनऊ इलाहाबाद वाया सुल्तानपुर और सारस चौराहा ऐसा स्थान है जहां से वीआईपी मोमेंट लगभग हर समय होता रहता है। ऐसे में पुलिस प्रशासन की भी मौजूदगी होती है लेकिन सक्रियता के तले संगठित बदमाशों ने एक बार फिर से इसी रुट से संचालित होने वाली एक लग्जरी बस को निशाना बनाया डराने धमकाने के बाद बस में तोड़फोड़ की गई बस की चाबी ले ली गई ड्राइवर को भी धमकाया गया। इसके पूर्व भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी है पर कार्यवाही के नाम पर पुलिस प्रशासन ने हरकत में आकर कार्यवाही तो जरूर की। लेकिन बदमाश बेधड़क होकर पुलिसिया कार्यवाही को पलीता लगाते रहे और लॉक डाउन के समय दुस्साहस तो देखिए चौराहे पर उन्होंने एक बड़ी बस को तोड़ डाला। इसी के साथ खुल गई पुलिस व्यवस्था की पोल जिसके जरिए यह संदेश दिया जा रहा है कि जनपद में पुलिस की सक्रियता बढ़ी है।अगर ऐसी ही डर बनाया जाता रहेगा और लूटपाट होती रहेगी तो रायबरेली की स्थिति विपरीत जैसी हो जाएगी और उसकी जिम्मेदारी सिर्फ पुलिस विभाग की होगी ऐसे में अब देखना होगा क्या हुए इस लूटपाट व घोर निंदनीय वारदात को लेकर पुलिस बड़ी कार्यवाही की मुद्रा में आती है या फिर खानापूर्ति पूरी कर ली जाएगी।