दुखद : बेनी बाबू नहीं रहे

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बेनीप्रसाद वर्मा का जन्‍म 11 फरवरी 1941 को उत्‍तरप्रदेश के बाराबंकी जिले के सिरौली में हुआ था। पिता का नाम मोहनलाल वर्मा तथा माता रामकली वर्मा।

1956 में मालती देवी से विवाह हुआ तथा तीन पुत्र व दो पुत्रियां हैं। प्रारंभिक शिक्षा बाराबंकी से ही पूरी हुई। इसके बाद वे लखनऊ आ गए, जहां लखनऊ विश्‍वविद्यालय से बीए और एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।

कभी समाजवादी पार्टी का हिस्‍सा रहे बेनीप्रसाद वर्मा वर्तमान में राष्‍ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्‍य हैं तथा गोंडा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत सरकार के इस्पात मंत्री हैं।

अपनी पढ़ाई खत्‍म कर वे राजनीति में आ गए। लंबे समय तक उत्‍तरप्रदेश राज्‍य में पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट मंत्री के रूप में कार्य करते रहे। पहली बार 1992 में उत्‍तरप्रदेश के कैसरगंज से लोकसभा का चुनाव जीतकर संचार के कैबिनेट मंत्री बने।

1996 में वे संचार के स्‍वतंत्र राज्‍यमंत्री बने। इसी वर्ष संसदीय कार्य के राज्‍यमंत्री भी बने। 1996 में ही हुए लोकसभा चुनाव में वे फिर जीते। 1998 में उत्‍तरप्रदेश सपा पार्टी के प्रमुख सदस्‍य बने। इससे पहले वे समाजवादी पार्टी के जनरल सेक्रेटरी थे। 1996 से 1998 तक देवगौड़ा मंत्रिमंडल में केंद्रीय संचार मंत्री के पद पर रहे।

1998 में ही वे उत्‍तरप्रदेश सरकार में पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट तथा संसदीय कार्य मंत्री बने। 1999 में सपा छोड़ जनता दल में शामिल होकर उसके प्रमुख बने। इसी दौरान वे जनता दल के संसदीय बोर्ड के सदस्‍य बने।

बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र से 1998, 1999 और 2004 में पुन: जीत दर्ज की। 2004 में उत्‍तरप्रदेश सरकार में पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट, एक्‍साइज तथा संसदीय बोर्ड के मंत्री बने। 2007 में जनता पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बने। 2006 में वे लोकदल के उपनेता बने और 2009 में भारतीय लोकदल के जनरल सेक्रेटरी नियुक्‍त हुए।

इसी दौरान वे जेल, केन डेवलपमेंट तथा चीनी उद्योग मंत्री बने। 2009 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर उप्र के गोंडा निर्वाचन क्षेत्र से पुन: निर्वाचित हुए और 12 जुलाई 2011 को मनमोहन सिंह सरकार में इस्पात मंत्री बनाए गए।

जून 2009 में वे भारतीय क्रांतिदल के जनरल सेक्रेटरी नियुक्‍त हुए और 2011 में उत्‍तरप्रदेश विधानसभा के सदस्‍य बने। कई वर्षों तक वे उत्तरप्रदेश के लिए लोक निर्माण विभाग मंत्री भी रहे। अपने सनसनीखेज़ बयानों को लेकर भी अक्सर चर्चा में रहते हैं।

बेनीप्रसाद वर्मा ने बरदरी में चरण सिंह महाविद्यालय तथा गृह जिले बाराबंकी में मोहनलाल वर्मा शैक्षणिक संस्थान की स्थापना की। पंसदीदा खेल शतरंज रहा है। यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, फ्रांस, सिंगापुर, चीन, स्विट्ज़रलैंड आदि देशों की यात्राएं की हैं।

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