नई दिल्ली-हावड़ा और नई दिल्ली-मुंबई पर 160 किलोमीटर की स्पीड से ट्रेनें चलाने की तैयारी

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राकेश कुमार अग्रवाल

झांसी । देश में बुलेट ट्रेन का सपना कब पूरा होगा ये तो शायद रेलवे को भी मालूम न हो लेकिन देश के प्रमुख शहरों के बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेनें चलाए जाने की कवायद को जरूर अमली जाना पहनाए जाने के प्रयास गति पकडते जा रहे हैं।

उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के प्रमुख विभागाध्यक्षों और मण्डल रेल प्रबंधक प्रयागराज, झांसी और आगरा के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नई दिल्ली-हावड़ा और नई दिल्ली- मुंबई मुख्य मार्गों पर ट्रेनों की गति को 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ाने से जुडे कार्यों की समीक्षा की ।

उन्होंने ट्रैक के रखरखाव, सिग्नलिंग और ओएचई आदि से संबंधित कार्य ट्रैफिक ब्लॉक के दौरान किए जाते हैं। गाड़ियों के परिचालन तथा ब्लॉक के दौरान कार्यरत कर्मियों की संरक्षा के दृष्टिगत, निर्धारित सख्त नियमों एवं विस्तृत प्रक्रियाओं के तहत ही ब्लॉक की स्वीकृति, रखरखाव के कार्यों और ट्रैफ़िक ब्लॉक को रद्द करने का कार्य किया जाता है। उत्तर मध्य रेलवे में ट्रैफिक ब्लॉक की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए, महाप्रबंधक चौधरी ने निर्देशित किया कि ट्रैफिक ब्लॉक के दौरान रखरखाव कार्यों हेतु निर्धारित नियमों का बिना किसी विफलता के पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने मण्डलों को भी निर्देशित करते हुये कहा कि परिचालन और रखरखाव कार्यों से जुड़े अधिकारियों द्वारा उनके कार्य क्षेत्र के अंतर्गत लिये जाने वाले ब्लॉकों का नियमित रूप से ऑडिट किया जाए ताकि निर्धारित मानदंडों के अनुपालन में किसी भी प्रकार की कमी के तत्काल निस्तारण द्वारा ट्रेनों के संरक्षित परिचालन के साथ-साथ कार्यरत रेलकर्मियों की संरक्षा को भी सुनिश्चित किया जा सके।

उत्तर मध्य रेलवे ने तीनों मण्डलों में लेवल क्रॉसिंग गेटों पर प्रकाश व्यवस्था का सर्वेक्षण पूरा किया है। महाप्रबंधक चौधरी ने तत्काल पहचान की गयी कमियों को दूर करने और लेवल क्रासिंग गेटों के दोनों ओर तथा गेट लॉज में उचित प्रकाश व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश प्रयागराज, झाँसी और आगरा मंडलों को दिए।

उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य मार्गों नई दिल्ली-हावड़ा और नई दिल्ली-मुंबई पर गति को 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने से संबंधित कार्यों के सुचारू रूप से निष्पादन और इस महत्वपूर्ण एवं जटिल कार्य को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के लिए उन्होंने मौजूदा ट्रैक के अपग्रेडेशन, सिग्नलिंग, ओएचई और वे साइड ट्रेन की निगरानी उपकरणों और ट्रेन परीक्षण व्यवस्थाओं की स्थापना के कार्यों के अतिरिक्त; बाउंड्रीवाल के निर्माण कार्य गति को बढ़ाने के इस काम का सबसे महत्वपूर्ण और काफ़ी लागत वाला कार्य है। इस काम को न्यूनतम लागत में करने तथा खाली रेलवे भूमि का सौर ऊर्जा सन्यंत्रों की स्थापना के लिए उपयोग करने हेतु रेलवे ने एक योजना तैयार की है, जिसके अंतर्गत सोलर प्लांट स्थापित करने वाली एजेंसी द्वारा निर्धारित क्षेत्रों में ट्रैक के किनारे बाउंड्रीवॉल का निर्माण का कार्य भी किया जाएगा जबकि शेष बाउंड्रीवॉल का निर्माण रेलवे द्वारा स्वयं किया जायेगा। बाउंड्रीवाल का निर्माण मुख्यतः प्रयागराज मण्डल के नई दिल्ली- हावड़ा मार्ग पर आवश्यक है- क्योंकि नई दिल्ली- मुंबई मुख्य मार्ग पर पड़ने वाले उत्तर मध्य रेलवे के पलवल-मथुरा खंड के अधिकांश मार्ग पर बाउंड्रीवाल पहले से ही उपलब्ध है। उत्तर मध्य रेलवे ने लगभग 390 ट्रैक किलोमीटर की पहचान की है जिसका उपयोग रखरखाव और भविष्य के स्थापनाओं के लिए अपेक्षित मार्जिन छोड़ने के बाद सौर संयंत्रों को स्थापित करने के लिए किया जा सकता है। पूर्व में रेलवे पटरियों के किनारे सौर पैनलों की स्थापना के लिए न्यूनतम 3.5 मीटर चौड़ाई के मानक से मात्र 180 किलोमीटर पर सौर संयंत्र लगाये जा सकते है; हालांकि, उत्तर मध्य रेलवे वर्तमान मानदंडों के सरलीकरण से सौर पैनलों को स्थापित करने के लिए कम चौड़ाई के पैच का भी उपयोग कर पा रहा है। यह रेलवे द्वारा बाउंड्रीवाल के निर्माण में लागत को कम करने के साथ साथ सौर ऊर्जा सन्यंत्रों की स्थापना के लिए अधिक भूमि के उपयोग करने में सहायक होगा। उत्तर मध्य रेलवे द्वारा चिन्हित भूमि पर सौर संयंत्र की स्थापना का कार्य रेलवे बोर्ड स्तर से चिन्हित एजेंसी द्वारा किया जाएगा।

महाप्रबंधक श्री चौधरी ने प्रयागराज और आगरा मंडल में मौजूदा लाइनों पर ट्रैफिक ब्लॉक की आवश्यकता वाले कार्यों को करने के लिए सभी कार्य निष्पादन एजेंसियों को कम यात्री ट्रेन संचालन की वर्तमान अवधि का उपयोग करने पर बल दिया।

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