नई परम्परा : ईद की खुशियाँ पेड़-पौधों के साथ मनाकर दिया ग्रीन ईद का सन्देश

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एक दूसरे को पेड़ पौधे देकर ईद मानते मुस्लिम परिवार
कौशाम्बी | मंझनपुर तहसील के करारी कसबे में एक परिवार ने सोमवार को ईद-उल-फितर की खुसियो को अनोखे अंदाज में अनोखे अंदाज में मनाया। कोरोना संक्रमण के चलते परिवार ने घर में नमाज पढ़ने के बाद आपस में एक दूसरे को पेड़ देकर वृक्षारोपड़ किया।  ईद की खुशियों को पेड़ पौधों के साथ मना कर परिवार ने न सिर्फ पर्यावरण की हरियाली को वापस लाने का सन्देश दिया है बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी यह सीख दी है कि धरती की हरियाली से ही बेहतर हेल्थ का रास्ता निकलेगा | 
 
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण काल के चलते पूरे देश में ईद की रौनक चहल-पहल लॉक-डाउन की भेट चढ़ गई। ऐसे में मुस्लिम भाइयो ने अपने घरो में रहकर ईद की नमाज पढ़ी और परिवार में ही गले मिलकर खुशिया बांटी। 
 
मोहम्मद रेहान बताते है, आज पर्यावरण को लेकर काफी चिंता है | उन्हें दोहरा मौका मिला ईद को सेलिब्रेट करने का, एक नए तरीके की पहल शुरू की नए तरीके की ईद मनाया। घर पर परिवार के बड़े बुजुर्गो व् बच्चो को सिवई खिलाया और ईदी के तौर पर एक पेड़ भेट किया | पेड़ में भी एक मैसेज देने की कोशिस की, जिसमे कुछ आयुर्वेद के पेड़ है, कुछ छायादार पेड़ है, कुछ गुलाब के पेड़ है | जिससे महक भी बानी रहे, पर्यावरण भी सुरक्षित रहे | कुछ इस तरह से ईद का सेलिब्रेशन किया है |  
 
मोहम्मद अहमद ने बताया, सेवई खिलाकर गले मिलकर हम बहुत ईद माना चुके है, पेड़ के साथ ईद मना कर हमें बहुत ख़ुशी मिली | ईद के साथ साथ पर्यावरण भी हमारा सुरक्षित रहे | इससे हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा | एक अलग तरीके से ईद मनाने का मौका मिला है | इससे हम यह सन्देश देना चाहते है कि पर्यावरण को बचाने के लिए हर व्यक्ति को अपने घर के दरवाजे पर एक पेड़ लगाना चाहिए | ताकि वह भी स्वस्थ रहे और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे | 
 
ईदी के रूप में पेड़ पाने वाले मोहम्मद अनस ने बताया, आज हमें बहुत ही अच्छा सरपराइज मिला है | हमारे अंकल में हमें पेड़ दिया है क्योकि यह हमारी सुरक्षा करता है और इसे हमें घर पर लगाना |
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