न राशन कार्ड बने न मिली राशन किट

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राकेश कुमार अग्रवाल

कुलपहाड (महोबा) । लाॅकडाउन गरीबों और मेहनतकशों पर भारी पड रहा है। पूर्ति विभाग की लेट लतीफी ने कोढ में खाज कर दी है। नगर के साढे तीन हजार अति गरीबों से आनलाइन आवेदन तो करा दिए गए लेकिन राशन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया की कच्छप गति के कारण जरूरतमंदों के न राशन कार्ड बन पाए न ही उन्हें राशन किट मिलीं।लाॅकडाउन में उपजिलाधिकारी की पहल पर ऐसे गरीबों व भूमिहीनों के राशन कार्ड बनवाए जाने के प्रस्ताव पर जिलाधिकारी ने हरी झंडी दे दी थी। जिनके लिए रोटी का संकट पैदा हो सकता था। डीएम की स्वीकृति के बाद उपजिलाधिकारी ने नगर में ऐसे वंचितों से आनलाइन आवेदन करने के लिए मुनादी करवा दी थी। नगर से लगभग साढे तीन हजार लोगों ने आनलाइन आवेदन भी कर दिए लेकिन महीना बीत जाने के बावजूद वंचितों के न राशन कार्ड बन पाए न ही उन्हें राशन सामग्री मिल पाए।उपजिलाधिकारी मो. अवेश के अनुसार जिला पूर्ति कार्यालय से देरी हो रही है। क्योंकि अभी तक इसकी फीडिंग नहीं हो पाई है।

गोविंदनगर निवासी रत्ती के अनुसार हम लोग सोच रहे थे कि अच्छे दिन आने वाले हैं लेकिन अभी तो सब हवा हवाई सा लगता है। विमलेश के अनुसार मजदूरी भी नहीं कर पा रहे और कोई ठोस मदद भी नहीं मिल पा रही। नतीश के अनुसारका बरसा जब कृषि सुखाने। जरूरत आज है मदद आज चाहिए। इतनी सी बात अधिकारियों को समझना चाहिए। एसडीएम मो. अवेश के अनुसार लेखपालों ने जो सूची उपलब्ध कराई उनके मुताबिक जरूरतमंदों को राशन किट मुहैया कराई जा रही है। असहायों व वृद्धों को को जनता रसोई से प्रतिदन भोजन भिजवाया जा रहा है।

रत्ती पत्नी खेमचंद


विमलेश पत्नी नरेंद्र कुमार

नतीश पुत्र हेमा

रागिनी पत्नी रमेश कुमार
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