पत्रकारों को सच दिखाना पड़ा महंगा

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रिपोर्ट- महेन्द्र कुमार गौत

योगी शासन में सच दिखाना कलमकारों का दुश्वार हुआ जा रहा है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर लगातार शरीरिक और मानसिक हमले किये जा रहे हैं। कभी सरकार द्वारा तो कभी सरकारी नुमाइंदो के माध्यम से। ऐसे ही वाकये से रामपुरा के तीन पत्रकारों दो-चार होना पड़ा। जहां सरकारी अस्पताल की अव्यवस्थायों की पोल खोलने से बौखलाए चिकित्साधिकारी ने पत्रकारों के खिलाफ़ मुक़द्दमा दर्ज करा दिया। जबकि प्रशासन अस्पताल के घोटालों पर मौन धारण किये है। बुधवार को पत्रकार राकेश कुमार,प्रदीप बाथम और सौरभ कुमार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुरा में समाचार कवरेज पहुंचे। जहां पर उन्होंने प्रसूता महिलाओं से अस्पताल में मिलने वाली सुविधायें जैसे खाना व दवा के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी। जैसे ही उक्त बात की जानकारी चिकित्साधिकारी जो उस दौरान अस्पताल में नहीं थे,उनको हुई तो उन्होंने आनन फानन में रामपुरा थाने में तहरीर दे डाली। जिस पर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली। फर्जी मुक़द्दमा लिखे जाने से क्षेत्र के पत्रकारों में रोष व्याप्त है।जालौन यूपी

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