परीक्षा के दौरान तनाव से मुक्त रहे छात्र– प्रणय कुमार सिंह अध्यक्ष

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देश की सबसे बड़ी यू पी बोर्ड के साथ ही सीबीएसई बोर्ड की भी परीक्षाएं प्रारंभ हो चुकी है। इन परीक्षाओं में भारी संख्या में छात्र छात्राएं परीक्षा में बैठ रहे हैं। परीक्षा में बैठ रहे छात्रों को परीक्षा परिणाम, तैयारी को लेकर बिल्कुल चिंता नहीं करनी चाहिए। तनाव लेने से याद की गयी विषय वस्तु भी भूल जाते हैं। इस समय परिक्षार्थियों का मुख्य काम परीक्षा में सम्मिलित होना और अब तक पढ़े गए प्रश्नों का उत्तर देना है। यह उनका प्रथम चरण है। इसलिए छात्रों को चाहिए कि वे प्रथम चरण को लेकर सजग रहे। चिंता न करें और की न ही ऐसे किसी विषय को सोचे जिससे कि अवसाद के शिकार हो। कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर छात्रों को इस समय विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है। यहां हम उन महत्वपूर्ण बिंदुओं की चर्चा कर रहे हैं। शेड्यूल बनाएं और उसी अनुरूप करें काम-छात्र अहम टॉपिक की सूची तैयार कर लें। समय और तैयारी की जरूरत के अनुसार उन विषयों को प्राथमिकता दें जिसके लिए कम समय की जरूरत होती है। सोने के लिए पर्याप्त समय निकाले-विभिन् शोध परिणाम कहते हैं कि 8 घंटे नींद लेना शांत और स्वस्थ दिमाग के लिए आवश्यक है। परीक्षा के दौरान सोने का समय कम करके 6 से 7 घंटे कर दें। बाकी बच रहे समय को इस तरह बांटें की पढ़ाई के लिए ज्यादा समय मिले।
मानसिक अभ्यास आवश्यक-छात्रों को चाहिए कि वे मानसिक अभ्यास भी इस दौरान अवश्य करें। एकाग्रता बढ़ाने के लिए योगा और ध्यान करें। कुछ देर आंखें बंद करके ध्यान को केंद्रित करने का अभ्यास करें। हल्के भोजन लें और खूब पानी पियें-छात्र इस समय गरिष्ठ,मसालेदार,जंक फूड,बासी तथा भारी भोजन से दूर रहे। हल्के,ताजा खाना खाएं और भरपूर पानी पिए। पानी तन-मन को शांत रखता है और बेहतर सोच में मदद करता है। दिमाग को आराम का मौका दें-काफी देर तक अध्ययन किए जाने के बीच थोड़ा अंतराल लेना चाहिए। इससे दिमाग को आराम मिल जाता है। छात्रों को चाहिए कि लगातार पढ़ाई के बीच में थोड़ा समय निकाल घर के बाहर दरवाजे पर,छत पर टहल ले। पेड़-पौधों,वनस्पतियों पालतू जानवर को देखकर प्रसन्न होने का प्रयास करना चाहिए। यदि आपको भजन पसंद है तो वह भी सुन सकते हैं। परिवार के लोगों के साथ बैठकर अच्छे चुटकुले सुनें या उन्हें सुनाए।
सकारात्मक सोचे तनाव से रहें दूर -परीक्षा के दौरान छात्रों को सकारात्मक पहलू पर बातें करनी चाहिए। अनावश्यक विषय और वार्तालाप से दूर रहने चाहिए। कोई ऐसी बात और काम न करें जिसे तनाव मिले। तनाव आ भी जाए तो तुरंत उससे बाहर निकले तथा अन्य विषय पर ध्यान देना शुरू करे।
परीक्षा केंद्र को समझे अपना विद्यालय-परीक्षा में बैठने वाले छात्रों का परीक्षा केंद्र बाहर बनता है तो उस परीक्षा केंद्र को भी अपने विद्यालय जैसा ही समझना चाहिए। वहां के नये शिक्षकों, आंतरिक और बाह्य सचल दल और नए परिक्षार्थियों को देखकर बिल्कुल तनाव नहीं लेना चाहिए।
(इस स्तंभ के लेखक शिक्षक और मनोवैज्ञानिक भी है।)

रिपोर्ट- राजकुमार गुप्ता

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