– विभिन्न कपंनियों के साथ पहले ही लखनउ में हो चुका है ओएमयू
– 102 हेक्टेयर भूमि पर शुरू होगा काम, एक्सप्रेस वे और हवाई अड्डा बनेगे सहायक
– 5000 करोड की इंडस्ट्री और एक लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
– डिफेंस कॉरीडोर का कुल क्षेेत्रफल 500 हेक्टेयर का होगा
जहां रामायण काल में महर्षि सरभंग, सुतीक्षण ऋषि, अत्रि मुनि, महर्षि अगस्त जैसे कालजयी ऋषि वैज्ञानिकों ने अनुसंधान कर श्रीराम को विभिन्न आयुध प्रदान किये, वहीं अब प्रत्यक्ष तौर पर हम जल्द ही यहां पर आधुुनिक समय के तोप, गोला, बारूद बनते देखेंगे। गुरूवार की चित्रकूट के डिफेंस कॉरीडोर की अन्तिम अडचन पर्यावरण विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। इसके बाद यहां पर रक्षा मंत्रालय के अन्तर्गत डिफेंस कॉरीडोर बनाए जाने का रास्ता पूर्ण रूप से साफ हो गया है। भाजपा के नेता जहां इसे अपनी बड़ी कामयाबी के रूप में देख रहे हैं, वहीं आम लोग भी इस बात से आशान्वित हैं कि डिफेंस कॉरीडोर चित्रकूट के विकास में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा।
यूपी को देश का सबसे बड़े डिफेंस उत्पाद निर्माण हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। पर्यावरण मंत्रालय ने लंबी जांच के बाद चित्रकूट में डिफेंस कॉरिडोर बनाने की अनुमति दे दी है। कर्वी में खुटरिया गांव की जमीन पर करीब 60 हेक्टेयर में विकसित होने वाले डिफेंस कॉरिडोर में ड्रोन से लेकर हेलीकॉप्टर तक और गोला बारूद से लेकर तोप तक बनेंगे। खास बात ये है कि डिफेंस इंडस्ट्री जिस क्षेत्र में लग रही है, वहां पर्यावरण संबंधी नुकसान बिलकुल नही होगा। क्योंकि आसपास संरक्षित वन नहीं हैं। चित्रकूट जिले के इस इलाके में डिफेंस कॉरिडोर की अनुमति से कम से कम 5000 करोड़ की इंडस्ट्री और एक लाख लोगों को सीधा रोजगार मिलेगा।
खास बात ये है कि इस क्षेत्र के दस किलोमीटर इलाके में कोई वन्यजीव अभयारण्य नहीं है। कोई प्रदूषित क्षेत्र नहीं है। इस नोड में सभी तरह के कैलिबर वाले हथियार बनेंगे। डिफेंस नोड का 33 फीसदी इलाका ग्रीन बेल्ट होगा। पूरा क्षेत्र धूल और धुएं से मुक्त होगा। इसके अलावा वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम, ऊर्जा संरक्षण, शोर नियंत्रण, वायु प्रदूषण नियंत्रण और जल प्रदूषण नियंत्रण के हाईटेक संसाधनों से डिफेंस कारीडोर लैस होगा। चित्रकूट में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर कुल 500 एकड़ क्षेत्रफल में होगा। पहले चरण में कॉरिडोर के विकास के लिए कर्वी ब्लॉक अंतर्गत कर्वी-पहाड़ी मार्ग पर बक्टा गांव के पास 102 में 95 एकड़ जमीन की खरीद हो चुकी है, बाकी सात एकड़ की रजिस्ट्री जल्द होगी। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने बताया कि कॉरिडोर के लिए आने वाली कंपनियों की अपेक्षा के मुताबिक जमीन खरीद हो चुकी है।
झांसी व लखनऊ से इसे सीधा जोडने की कवायद पूरी हो चुकी है। हवाई अड्डा भी प्रारंभ हो चुका है। डीएम ने बताया कि अब डिफेंस कॉरिडोर योजना को मूर्त रूप देने पर जिला प्रशासन का फोकस है। शासन की मंशा के मुताबिक जल्द कार्य पूरा हो जाएगा। कॉरिडोर के आसपास सड़कें बनने से गांवों में आवागमन में बेहतर होगा। चित्रकूट समेत बुंदेलखंड के जिलों के लघु उद्योगों को को काम मिलेगा। मजदूरों को काम जिले में ही मिलने से पलायन पर रोक लगेगी। मेक इन चित्रकूट की मुहर से दुनिया में अलग पहचान भी बन जाएगी। चित्रकूट में कॉरिडोर मुख्यालय स्थित चित्रकूटधाम कर्वी रेलवे स्टेशन से सीधा जुड़ाव है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के माध्यम से कॉरिडोर के दूसरे हिस्सों से जुड़ाव, हवाई और रेलमार्ग से झांसी, लखनऊ से सीधे संपर्क में होगा।
यूपी डिफेंस कॉरीडोर का हाल
यूपी डिफेंस प्रोडक्शन का हब बनने के क्रम में यूपी तेजी से आगे बढ़ रहा है। कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ओर से यूपी में रक्षा हथियार निर्माण के लिए दिलचस्पी दिखाई है। दिसंबर 2023 में जारी डेटा की बात करें तो डिफेंस कॉरिडोर को लेकर लगभग 25 हजार करोड़ रुपए इन्वेस्टमेंट को फाइनलाइज किया जा चुका है। इसे लेकर अब तक 6 नोड्स में 13 एमओयू साइन हो चुके हैं। डिफेंस कॉरिडोर की बात करें तो यूपी के छह जिले लखनऊ, अलीगढ़, झांसी, कानपुर, चित्रकूट और आगरा में इसे बनाया जा रहा है। इन जगहों पर हर तरह के रक्षा हथियार बनाए जाएंगे।
भाजपा के जिला उपाघ्यक्ष आलोक पांडेय कहते हैं कि आने वाले समय में चित्रकूट एक तीर्थ विकसित नगर जैसा होगा। हम लोग लगातार प्रयास कर हाईकमान को विभिन्न स्थलोें के बारे में जानकारी देकर यहां के विकास के लिए कह रहे हैं। हम चाहते हैं कि चित्रकूट का विकास यहां की गरिमा औैर प्रतिष्ठा के अनुसार हो। हम राम राज्य की परिकल्पना कोे साकार करने के लिए चित्रकूट को अग्रणी रखना चाहते हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, डिफेंस कॉरीडोर, हवाई अड्डा ये चित्रकूट के विकास के लिए मील के पत्थर है। आने वाले समय में चित्रकूट कोरीडोर की घोषणा भी हो सकती है।
रिपोर्ट – संदीप रिछारिया
पर्यावरण एनओसी मिलने के बाद चित्रकूट में शुरू होगा तोप गोला बनने का काम
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