पानी-बिजली और संचार व्यवस्था के रखरखाव में डटे सैकड़ों रेल इंजीनियर

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राकेश कुमार अग्रवाल

कुलपहाड़ (महोबा)। रेलवे में पानी, बिजली और संचार नेटवर्क को सुचारु बनाए रखने के लिए सैकडों इंजीनियर रेल यात्रा बंद होने के बावजूद सुविधाओं को सुचारू करने में डटे हुए हैं।

उत्तर मध्य रेलवे में मुख्यालय और 3 मंडल कार्यालयों सहित बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण कार्यालय हैं। रेलकर्मियों के लगभग 25000 निवास हैं जिनका इस लॉकडॉउन अवधि में भी विधिवत रखरखाव किया जा रहा है और नियमित रूप से पानी और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

वरिष्ठ पर्यवेक्षकों, वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर के तहत काम करने वाले तीनों डिवीजनों के इंजीनियर (आई ओ डबल्यू) न्यूनतम कर्मचारियों के साथ सेवायें दे रहे हैं।

पानी की आपूर्ति की पाइप लाइन का रखरखाव, कीटाणुशोधन, टैंकों की सफाई, सीवरेज प्रणाली का रखरखाव, कारपेंट्री कार्य, वॉश बेसिनों में पैर संचालित नल बना रहे हैं।

नियमित बिजली की आपूर्ति बनाए रखने के लिए विद्युत विभाग सबस्टेशनों के अनुरक्षण पर जोर दे रहा है और कोविड -19 के मद्देनजर सभी संभावित टच वाले स्थानों को नियमित रूप से साफ/सैनेटाइज़ किया जा रहा है । पावर फेल्यर की किसी भी आकस्मिक स्थिति के मामले में बैकअप आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए डीजी सेटों की नियमित जाँच की जा रही है। लिफ्टों और एस्केलेटर के सभी नियंत्रण पैनलों की जांच के अलावा, लिफ्टों और एस्केलेटरों पर टच होने वाले संभावित स्थानों की सफाई / सैनेटाइजेशन भी किया जा रहा है।

टेलीफोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी को बनाए रखने के लिए उत्तर मध्य रेलवे में कुल 42 टेलीफोन एक्सचेंज और 78 नग रेलनेट लोकेशन / रेलनेट सर्किट हैं। उत्तर मध्य रेलवे के 1103 रूट किलोमीटर से अधिक पर सुचारु संचार व्यवस्था के लिए मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार प्रणाली स्थापित है । इस एमटीआरसी प्रणाली के लिए, 128 बीटीएस, 2बीएससी और 2 एमएससी काम कर रहे हैं। 325 ओएफसी हट भी हैं। जब उत्तर मध्य रेलवे के कार्यालयों के दो तिहाई कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं और सभी बैठकें और अनिवार्य प्रशिक्षण ऑनलाइन आयोजित किए जा रहे हैं। उत्तर मध्य रेलवे के सभी 1073 टेलीकॉम कर्मचारी सुचारु इंटरनेट नेटवर्क और टेलीफोन कनेक्टिविटी सुनिश्चित कर रहे हैं। वे सभी एक्सचेंजों, ओएफसी हट और एमटीआरसी प्रतिष्ठानों का समुचित अनुरक्षण और रखरखाव सुनिश्चित कर पूरे ज़ोन में संचार व्यवस्था को सुचारु बनाए हुए हैं। टेलीकॉम विभाग संपूर्ण भारतीय रेल नेटवर्क पर स्थापित कुल 520 वीसैट की निगरानी कर रहा है। ज्ञातव्य हो कि यह वीसैट नेटवर्क भारतीय रेल में माल परिवहन सूचना प्रणाली अर्थात एफओआईएस या फ्रेट ऑपरेशंस इंफॉर्मेशन सिस्टम, आपदा प्रबंधन, यूटीएस / पीआरएस के लिए प्रयोग में आता है। नई दिल्ली में वी सैट हब के माध्यम से सभी 520 स्थानों की निगरानी उत्तर मध्य रेलवे द्वारा की जाती है . उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने इन सभी रेल कर्मियों के योगदान को अतुलनीय बताया है।

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