संतों का सानिध्य परम हितकारी गुरुजी

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प्रतापगढ़। भारत रक्षा अभियान के राष्ट्रीय महासचिव एवं भाजपा के वरिष्ठ सदस्य विजय मिश्रा गुरु जी ने एक भेंटवार्ता में बताया कि संतों की कृपा से मैंने अपने जीवन में धन पद का त्याग किया, जिसको जो कहा वह सच निकला, स्वामी हरिहरानंद सरस्वती लघुमाध्यमिक विद्यालय में 5 वर्षों तक अल्प वेतन पर शिक्षण कार्य किया, गरीबों की सदैव मदद में तत्पर रहा। मैं डंके की चोट पर कहता हूं कि संतों का सानिध्य परम हितकारी होता है।
गुरु जी ने विविध प्रसंगों का वर्णन करते हुए बताया कि किचन में ब्लास्ट होने पर जख्मी मेरी पत्नी की जान, जगन्नाथपुरी के स्वामी निहाल बाबा की कृपा से ही बची।
मैंने स्वामी श्री रविशंकर जी महाराज एवं जगतगुरु स्वामी सरस्वती जी महाराज के दर्शन का करिश्मा देखा है। वर्तमान समय में अशर्फी भवन अयोध्या पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज के सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कर रहा हूं।
गुरु जी ने श्रीरामचरितमानस में उद्धृत_
*संत समागम हरि कथा हरै* *कोटि अपराध*
को महामंत्र मानते हुए बुद्धिजीवियों से अपेक्षा किया है कि वे संत महात्माओं का सानिध्य व दर्शन प्राप्त करें तथा सामाजिक सौहार्द एवं भाईचारा कायम रखने के लिए सदैव राष्ट्र एवं समाज का चिंतन करें और अपनी क्षमता के अनुसार राष्ट्र के कल्याण की मंगल कामना करें।

रिपोर्ट- अवनीश कुमार मिश्रा

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