बिना लाइसेंस चल रहा कबाड़ का कारोबार

37

रेलकोच फैक्ट्री में दिहाड़ी मजदूरों की साइकिलें व बाइकें हो रही चोरी

लालगंज(रायबरेली)!कोतवाली क्षेत्र में इन दिनों प्रत्येक चौक चौराहों से लेकर गली मोहल्लों तक कबाड़ की दुकानें धड़ाधड़ खुल रही हैं।बिना लाइसेंस के सालाना लाखों रुपये की आमदनी दुकानदार उठा रहे हैं।क्षेत्र में अवैध तरीके से चल रही कबाड़ की दुकानों पर सरकारी तंत्र का कोई नियंत्रण ही नहीं रह गया है। लालगंज कस्बे से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कबाड़ की दुकानें बगैर लाइसेंस के खुलेआम चल रहीं हैं। बिना अनुमति के संचालित इन दुकानों में कीमती सामानों को सस्ते दामों पर खरीदकर कारोबारी लाखों रुपये कमा रहे हैं।इन दुकानों में कबाड़ की खरीद-बिक्री की न तो रसीद दी जाती है और न ही कोई रिकार्ड रखा जाता है।इतना ही नहीं इनके दलाल ग्रामीण क्षेत्रों से कबाड़ खरीदकर दुकान में खपा देते हैं। हैरत की बात यह है कि इस व्यवसाय में पुलिस और प्रशासन का भी कोई रोकटोक नहीं रहता। प्रशासनिक ढिलाई के चलते जिले के बाहर से आए लोग इस व्यवसाय में सक्रिय नजर आ रहे हैं।लोहे के सामान व घरेलू उपयोग की वस्तुओं सहित कई कीमती सामान कबाड़ी अपने दलालों के माध्यम से खरीद कर लाखों कमा रहे हैं।क्षेत्र में चोरियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है,रेलकोच फैक्ट्री के आसपास कई बिना लाइसेंस की दुकानें चल रही हैं,जिनमें धडल्ले से किमती सामानों को बेंचा जा रहा जबकि फैक्ट्री में दिहाड़ी मजदूरों की साइकिलें व मोटरसाइकिलों की चोरी होने का सिलसिला बदस्तूर जारी है,बावजूद सरकारी तंत्र इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है!

चर्चाएं जोरों पर फिर भी खाकी कर रही अनदेखी

चर्चा तो यहां तक है कि यह सब कबाड़ी दुकानदार चोरी की बाइकें,पम्पसेट,डीजल इंजन,कार व फैक्ट्रियों की पाइपों व कीमती सामानों आदि को कम कीमत पर चोरों से खरीद कर माला-माल हो रहे हैं।बताते चलें कि सभी कबाड़ी बिना लाइसेंस के खरीदी गई चोरी की मोटरसाइकिलों और अन्य गाड़ियों को गैस बिल्डिंग मशीन से काटकर कबाड़ में बदलकर पुर्जे जरूरतमंद लोगों एवं मिस्त्रियों में बेच कर माला-माल हो रहे हैं।रेलकोच फैक्ट्री घनी आबादी के बीच चलने वाली इन दुकानों पर चोरी की हर चीज कबाड़ के भाव खरीदी जाती है।छोटी-बड़ी गाड़ियों को काटकर कबाड़ में तब्दील कर देना इन दुकानदारों के बाएं हांथ का खेल बना हुआ है।इन दुकानदारों के पास न तो कबाड़ खरीदने का लाइसेंस है और न ही वाहनों को काटने की प्रशासनिक अनुमति,फिर भी सभी काम बेखौफ होकर कर रहे हैं।जबकि क्षेत्र में चोरियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा और रेलकोच फैक्ट्री में दिहाड़ी मजदूरों की साइकिलें व मोटरसाइकिलों के चोरी होने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं,बावजूद जिम्मेदारों द्वारा अनदेखी उनकी संलिप्तता को बयां कर रही है!विश्वस्त सूत्रों की मानें तो जिम्मेदारों का कबाडी कारोबारियों से बेहद करीबी नाता है और यह नाता किसी रिश्ते का नहीं बल्कि लेनदेन का है!बताया जाता है कि जिम्मेदार हफ्ते व महीने के हिसाब से इन कबाडी करोबारियों से मोटी रकम लेते हैं और इनको संरक्षण प्रदान कर कारोबारियों के साथ स्वयं भी मालामाल हो रहे हैं,तभी तो जानकारी होते हुए किसी भी कबाडी कारोबारी पर कार्यवाही करने से बचते नजर आ रहे हैं!

Click