बुजुर्ग बोझ नहीं परिवार व समाज की होते हैं विरासत:-राजीव पाठक

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बुजुर्गों का सम्मान करना हमारी परंपरा है। वृद्धजनों से हमें प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सदैव मार्गदर्शन मिलता है। देश में सर्वाधिक युवा है, बुजुर्ग उन्हें मार्गदर्शन देते रहें तो भारत को अग्रणी देश बनाया जा सकता है। ये बाते अयोध्या नगर के रानोपाली में आयोजित वृद्धजन दिवस में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हनुमत नगर के नगर संघचालक श्री श्यामदेव ने वृद्ध जनों को सम्मानित करते हुए कही। समारोह का आयोजन  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हनुमंत नगर अयोध्या महानगर द्वारा किया गया था। नगर कार्यवाह राजीव पाठक ने कहा कि संयुक्त परिवार में बुजुर्गों की सदा आवश्यकता महसूस की जाती है। वरिष्ठजनों की जिम्मेदारी है कि वे अपने अनुभव का लाभ आने वाली पीढ़ी को आशीर्वाद के तौर पर दें। युवाओं की ऊर्जा और वरिष्ठजनों के अनुभव से ही समाज और देश समृद्ध होगा।

उन्होंने कहा वृद्धावस्था जीवन का सत्य है। जो आज युवा है, वह कल बूढ़ा भी होगा। बुजुर्ग अनुभव की खान है। इनके बताए रास्ते पर चलने वाला जीवन में कभी धोखा नहीं खा सकता। लेकिन आज युवा पीढ़ी अपने बुजुर्गों को भूलने लगी है। जिस परिवार को व्यक्ति अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता है, जिसकी खुशियों के लिए अपनी खुशियां छोड़ देता है, वही परिवार उसके वृद्ध होते ही उसे तुच्छ समझने लगता है। लेकिन बुजुर्ग बोझ नहीं, समाज की विरासत हैं। ये समाज को राह दिखाते हैं। उन्हें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का व्यापक अनुभव होता है। बच्चों को अपने पैर पर खड़ा करने के लिए हर जतन करते है।

उपभोक्तावादी संस्कृति, बदलते सामाजिक मूल्यों, नई पीढ़ी की सोच में परिवर्तन आने, महंगाई के बढ़ने और व्यक्ति के अपने बच्चों और पत्नी तक सीमित हो जाने की प्रवृत्ति के कारण बड़े-बूढ़ों के लिए कई समस्याएं खड़ी हो गई हैं। उनके मान सम्मान की रक्षा का दायित्य आज युवा पीढ़ी के कंधे पर है।सामाजिक सरोकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वयंसेवको ने वरिष्ठजनों को शाल व श्रीफल से सम्मानित किया। इस अवसर पर नगर सेवा प्रमुख ज्ञानेश जी, नगर धर्म जागरण प्रमुख दयानिधि जी,नगर  सद्भाव प्रमुख कौशल किशोर सिंह आदि स्वयंसेवक उपस्थित रहे। 

रिपोर्ट – मनोज कुमार तिवारी

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