भागवत मृत्यु सिखाती है : आचार्य नवलेश दीक्षित

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श्रीमद्भागवत अष्टोत्तर शत द्वितीय दिवस पर सांसद आरके सिंह पटेल ने शिव-पार्वती की आरती की

चित्रकूट। विश्वप्रसिद्व महातीर्थ श्रीचित्रकूटधाम स्थित श्रीजी होटल में आयोजित हो रहे श्रीमद्भागवत अष्टोत्तर शत ज्ञान यज्ञ में द्वितीय दिवस की कथा सुनाते हुए विश्व प्रसिद्व भागवताचार्य आचार्य नवलेश दीक्षित जी महराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत मृत्यु सिखाती है।

श्रीमद्भागवत मृत्यु को मंगलमय बनाती है। श्रीमद भागवत को सुनकर समझकर जीने वाले की मृत्यु में रूदन नहीं महामहोत्सव होता है। यही जीवन का सार है। परमात्मा जन्म देता है, वही पालन करता है और वहीं समय उपरांत वापस बुला लेता है।

उन्होंने बताया कि जैसे एक छोटा सा बालक कहीं से मिट्टी व पानी लाकर एक मूर्ति का निर्माण करता है। उसके साथ खेलता है और बाद में उस मूर्ति को तोड़ भी देता है। लेकिन वह तीनों अवस्था में प्रसन्न रहता है। अगर उसकी मूर्ति को कोई दूसरा छू ले या तोड़ दे तो वह फिर नाराज होकर रोने लगता है।

उन्होंने श्रीमद्भागवत का विषेश सत्य उद्घाटित करते हुए कहा कि जहां सत्य होता है, वहीं मतभेद होता है। अन्वैवितरेकः का मतलब ही यह है। परमात्मा जड़ नहीं चेतन है, परतंत्र नहीं स्वतंत्र है। स्वयं प्रकाशवान है अंधकार का नामों निशान नहीं है।

इसके पूर्व उन्होंने श्रीमद् भागवतजी के पहले श्लोक की तात्विक विवेचना मं नमामि हरि पदम को शब्दार्श व्याख्यातित करते हुए कहा कि हमारा जन्म केवल हरि के लिए हुआ है। अपनी बुद्वि भगवान की सेवा व कथा में लगना चाहिए। कहां की ब्रह्मा जी ने पवित्र चित्रकूट धाम में मत्स्येंद्रनाथ मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की थी। यहीं पर एक ऐसा शिवलिंग है जिसकी छोटी परिक्रमा होती है।

कथा के दौरान आचार्य नॉलेज दीक्षित जी ने केंद्र सरकार की लाडली योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की तारीफ करते हुए कहा कि बालिकाओं को बढ़ावा देने के लिए उनके जन्म से लेकर पढ़ाई तक का जिम्मा सरकार ने अपनी योजनाओं के माध्यम से लिया है।

उन्होंने गौ माता की सेवा व उनके संरक्षण के लिए भी समाजसेवियों से आगे आने की अपील की कहा कि सरकार अपने स्तर से गौ सुरक्षा के लिए प्रबंध कर रही है वह नाकाफी है हमें सब को मिलकर अपने घरों में एक एक गाय रखने की जरूरत है नहीं तो आने वाले समय में गौ माता पर एक बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।

सुबह के सत्र में कानपुर के विद्वान ज्योतिषाचार्य आचार्य गौरव शुक्ल, बांदा के वैदज्ञ विनोद शुक्ला जी के नेतृत्व में देश भर से आए विद्वान श्रीमद्भागवत महापुराण के मूल पाठ का सस्वर गायन कर इस महायज्ञ में अपनी आहुतियां दे रहे हैं।

कार्यक्रम में यजमान बनने के लिए दिल्ली,एमपी, असम, बिहार, छत्तीसगढ़,सहित अन्य राज्यों से भक्त गण आए हुए हैं। आज मंच पर श्रीमद्भागवत पुराण का डा0 सुरेंद्र अग्रवाल, अजय अग्रवाल, विवेक अग्रवाल,गिरीश अग्रवाल, स्वनिल, महेंद्र अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, शंकर जी, राजकुमार अग्रवाल, शकुंतला, प्रभाकांत पाठक, उपेंद्र मिश्रा, त्रिभुवन त्रिपाठी, श्रीसूर्यबंशी, रामसिंह, अरिमर्दन सिंह, अशोक शुक्ला आदि ने पूजन व अर्चन किया।

कथा के समापन पर भगवान शिव व माता पार्वती की आरती व पूजन हुआ इस अवसर पर सांसद बांदा-चित्रकूट आरके सिंह पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जाटव, नगर पालिका परिषद चेयरमैन नरेंद्र गुप्ता, पंकज अग्रवाल, शक्ति प्रताप सिंह तोमर, रामबाबू गुप्ता, राजकुमार त्रिपाठी‌ ने महराज जी को माल्यार्पण कर शाल भेंट की।

इस दौरान कथा में कर्नाटक वाली माता जी एवं चित्रकूट के प्रमुख साधु संतों की मौजूदगी रही।

  • पुष्पराज कश्यप
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