भारत को भगवा करने का विजयी मंत्र निकालेगा ‘संघʼ

10
आरेाग्यधाम अंदर सजावट करते कार्यकर्ता

– 9 जुलाई से चित्रकूट के आरोग्यधाम में होगा संघ का विचार मंथन

– जम्मू कश्मीर, यूपी, एमपी, दिल्ली, राजस्थान, बंगाल, बिहार, केरल सहित अन्य राज्यों के बारे में होगी कसरत

– कश्मीर के साथ ही गिलकित बाल्टीस्तान व अक्साई चीन पर हो सकती है बातचीत

संदीप रिछारिया

धर्मक्षेत्र। कम्ब रामायण कहती है कि दशानन को मारने का प्लान चित्रकूट में बना था और अब भाजपा का थिंक टैंक यानि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ चित्रकूट में बैठकर सम्पूर्ण भारत को भगवामय बनाने की रणनीति का वैचारिक मंथन चित्रकूट में करेगा। उनका निशाना न केवल सम्पूर्ण भारतवर्ष होगा बल्कि गिलकिट बाल्टीस्तान व अक्साई चीन को कैसे पुनःकब्जे में लिया जाए, इसकी भी रणनीति बनाई जा सकती है।

जानकार सूत्रों के अनुसार 9 जुलाई से आरोग्यधाम के अंदर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लगभग 50 प्रमुख राष्ट्रीय पदाधिकारी सर संघ चालक मोहन भागवत के सामने इस बात की मंत्रणा करेंगे कि पूरा भारतवर्ष आखिर कैसे भगवामय हो। बंगाल, केरल और दिल्ली, पंजाब, राजस्थान में कैसे भाजपा की सरकारें बनें। इस दौरान यूपी में आने वाले विधानसभा चुनाव की भी चर्चा रहेगी। योगी को प्रचार की प्रमुख कमान सौंपने से पहले उनको दिये जाने वाले निर्दशों के बारे में भी विमर्श संभव है। आरएसएस के राष्ट्रीय प्रचार प्रसार प्रमुख सुरेश सोनी शनिवार को आकर आरोग्यधाम में अपना आसन जमा चुके हैं। दीन दयाल शोध संस्थान के पदाधिकारी व कार्यकर्ता लगातार बैठक की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए लगे हुए हैं। आरोग्यधाम परिसर को सुंदरतम रूप देने का काम चल रहा है। कार्यकर्ता हर कहीं पर कुछ न कुछ सजाते संवारते नजर आ रहे हैं।

संघ के पुराने कार्यकर्ता कहते हैं कि नानाी देशमुख के सिद्वांत अतभुद थे, उन्होंने 60 साल का होने पर राजनीति से सन्यास लेकर समाजसेवा का रास्ता चुना, और आज उनके बनाए गए प्रकल्प पूरे विश्व में आलोकित हो रहे हैं। उनके दिखाए रास्ते पर संस्थान के कार्यकर्ता व पदाधिकारी चल रहे हैं। नानाजी देशमुख ने कांग्रेस को हटाकर जनता पार्टी की सरकार बनाने में प्रमुख भूमिका का निर्वहन किया था। पिछले सात सालों से भाजपा भी श्याम प्रसाद मुखर्जी, दीन दयाल उपाध्याय व नानाजी देशमुख के विचारों को लेकर चल रही है। हिदू, हिंदी हिदुस्तान के साथ ही एक भारत समर्थ भारत हमारा प्रमुख नारा है। चित्रकूट की धरती पर संघ पिछले साल के कामों का आत्मावलोकन करने के साथ ही आगामी वर्ष के लिए संघ के कार्यक्रमों की रणनीति पर विचार करेगा। इस दौरान राजनैतिक चर्चा नही होगी।

चिंतन की भूमि है चित्रकूट

राजकुमार राम को परमात्मा श्रीराम व राजनीति के चाणक्य नानाजी देशमुख को राष्ट्रऋषि और भारतरत्न बनाने वाली चित्रकूट की भूमि पर विचार मंथन की प्रक्रिया का प्रारंभ तो मानव के उदभव के पूर्व हो चुका था। यहां पर त्रिदेवों ने विचार मंथन कर परमपिता ब्रहमा को सृष्टि का प्रारंभ करने के लिए तैयार किया था। चित्रकूट की धरती पर सप्तऋषि, सनत, सनंदन व सनतकुमार, देवर्षि नारद, माता सरस्वती का प्रार्दुभाव हुआ। भगवान के दशावतारों का संबंध भी चित्रकूट की धरती से सीधे तौर पर रहा है।

Click