महामारी से बचाव ही सुरक्षा है उचित
चित्रकूट। कोरोना से बचाव करना है तो खुद ही सुरक्षा के उपाय करने होंगे। सर्वे भवन्ति सुखिनः की अवधारणा आत्मसात करने वाले विश्व गुरु भारत का अभिवादन ‘नमस्ते’ पूरा विश्व अपना रहा है।
हवन,शांति पाठ के साथ सामूहिक स्वच्छ्ता के उपक्रम लगातार अपनाए जा रहे हैं। धर्मनगरी में कोरोना से सुरक्षा को लेकर प्रशासन के अनुरोध पर सभी मंदिरों के कपाट बंद तो किये गए,पर अभी श्रद्दालुओं को दरवाजे के अंदर से दर्शन हो रहे है।
वैसे सामूहिक बन्दी के अगले दिन गुरुवार को जहाँ प्रमुखद्वार,मुख्यद्वार,स्वामी मत्तगयेन्द्रनाथ मन्दिर सहित अन्य कई मंदिरों के कपाट बंद मिले, परिक्रमा पथ पर स्थानीय व बाहर से आये इक्का दुक्का लोग ही नजर आए। वैसे अभी तृतीय मुखारबिंद,लेटे हनुमान जी सहित कुछ मन्दिर खुले मिले।
इनका हो रहा सर्वाधिक नुकसान
मन्दिरो के पट बन्द होने के चलते सर्वाधिक नुकसान बन्दरो के साथ भीख मांगकर गुजारा करने वालो का हो रहा है।
बाहर से नही आ पाएंगे श्रध्दालु
मंगलवार को अमावश्या है। प्रशासन ने मन्दिर संचालकों से अनुरोध किया है कि वे पर्व के साथ प्रतिदिन भगवान की आरती पूजा के दर्शन ऑनलाइन कराए।जिससे चित्रकूट में लोग कम से कम आये। वैसे सूत्रों के अनुसार सरकारी बसे नही चलाये जाने और प्राइवेट बसों को चित्रकूट आने के परमिट न दिए जाने का प्लान है। इस बार रेलवे भी झांसी और कानपुर से मेला स्पेशल ट्रेन भी नही चलाई जा रही है।
प्रशासन की व्यवस्थाएं
कर्वी के जिला अस्पताल में कोरोना से बचाव के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है।लोगो को कोराना से बचाव के लिए प्रशासन के साथ समाजसेवी भी जागरूक कर रहे है।मप्र प्रशासन लगातार परिक्रमा के साथ सम्पूर्ण परिक्षेत्र में दवा का छिड़काव करा रहा है। लोगो को मास्क बाँटकर सफाई के तरीके लगातार बता रहे है।