मॉनसून की आहट, पौध रोपने के लिए अभी बन रहा है प्राक्कलन

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राकेश कुमार अग्रवाल

कुलपहाड (महोबा) । सरकारी व्यवस्था भी तब जागती है जब पानी सर से गुजरने को आ जाता है।
मानसून की आहट शुरू हो गई है। वृक्षारोपण का यह सबसे उपयुक्त समय होता है दूसरी ओर अभी तक ग्राम पंचायतों में पौधे रोपने के लिए गड्ढों की खुदाई तक शुरु नहीं हो पाई है।

बुंदेलखंड में महज पांच फीसदी वन क्षेत्र है जबकि उत्तराखंड में वन क्षेत्र २२ फीसदी से अधिक वनाच्छादित क्षेत्र है। ऐसे में बुंदेलखंड में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पौध रोपने की रस्म निभाई जाती है। सभी ग्राम पंचायतों को पौधारोपण के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया जाता है। इस बार भी जैतपुर क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत ६३ ग्राम पंचायतों में २४३७०० पौधों के रोपने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन इस बार अभी तक पौध रोपण के लिए गड्ढे खोदने की प्रक्रिया शुरु नहीं हो पाई है।

जैतपुर विकास खंड की केवल दो ग्राम पंचायतों स्यावन एवं जैतपुर में गड्ढे खोदे जा रहे हैं। जैतपुर में ३० मजदूर एवं स्यावन में दस मजदूरों को गड्ढा खोदने के काम में लगाया गया है।

मानसून के आगमन की आहट हो चुकी है ऐसे में गड्ढा खुदाई न हो पाने के संबंध में पूछे जाने पर बेलाताल के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी बताते हैं कि अन्य ग्राम पंचायतों में एस्टीमेट बन रहे हैं। प्राक्कलन की स्वीकृति के साथ ही गड्ढे खोदे जाने की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी।

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