रिपोर्ट- अवनीश कुमार मिश्रा
- प्रति व्यक्ति आय में भारत से आगे पहुंचा बांगला देश , मैं लिखना चाहता हूं कि बांगला देश की बैंको के कानूनी प्रावधानों एवम् ब्याज दरों का debit credit system पढ़िए, सब्सिडी रहित,No Interest Subvention system, उनकी नेशनल बैंक का नियंत्रण तथा दण्ड देने की प्रणाली समझिए, बंगला देश की ग्रामीण बैंक एवम् उसके सलाहकार प्रोफेसर यूनुस खान को सयुंक्तरूप से सन 2008 मे नोबल पुरस्कार मिल चुका है। इसका एक मात्र आधार है बंगलादेश की नेशनल बैंक तथा ग्रामीण बैंक के स्पष्ट विवेकाधिकार, भ्रष्टाचार रहित विस्तृत तथा स्पष्ट बैंकिंग कानून तथा उन्हे बैंकों से लागू कराने- करने का सरकारी जनून। भारत की बैंको द्वारा तो RBI के कानून मे लिखे Colateral Security शब्द की ओट मे 100 000 या पचास हजार की ऋण सीमा देने में ही पूरी खेती जायदाद बंधक करके किसान व गरीब को जन्म जन्मांतर के लिए निरन्तर आर्थिक नपुंसक बनाया जा रहा है। वस्तुत: तीन लाख तक की ऋण सीमा स्वीकृत करने के लिए केवल फसल या चल सम्पत्ति को ही दृष्टि बंधक रखने का कानूनी प्रावधान RBI का है। परन्तु RBI और बैंकिंग लोकपाल गत 50 वर्षो से आंख बन्द करके सब होने दे रहे हैं। RBI प्रत्येक दुराचरण मे बैंक पर आर्थिक दण्ड लगाकर मामला समाप्त कर रहा है, बैंक बिना अपील किए हमारे आपके बैंक मे जमा धन से जुर्माना भर देता है और संबंधित बड़े अधिकारी दण्ड से बचकर प्रमोशन पा जाते हैं, इससे उनकी आपराधिक आदत की प्रवृत्ति ( Instinct) बढ़ती रहती है। भारत की ग्रामीण बैंकों सहित राष्ट्रीयकृत बैंको तथा सहकारी बैंकों ने राजनेताओं, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, ऑडिट एजेंसियों तथा अखिल भारतीय सेवा के सुविधाभोगी मुफ्तखोर वा लालची कर्णधारों से दुरभि सन्धि करके मात्र पचास हजार से तीन लाख तक की KCC लिमिट स्वीकृत करने मे( फाइल बनवाने में ही 5000 inr से 35000 तक का खर्चा कराकर ) किसान की 50 लाख से अधिक बाजार मूल्य की भूमियों को अनन्त काल तक के लिए बंधक रख लिया है। मुझसे सहमत न हों तो उत्तर प्रदेश सहित देश के किसी राजस्व गांव की खतौनी bhulekh portal पर खोलकर पढ़ लीजिए, आपको 50 प्रतिशत से अधिक खाते 50 000 हज़ार से तीन लाख तक की KCC लिमिट हेतु बंधक दर्ज मिलेंगे। ऐसा ही हाल व्यापारियों की संपत्तियों का भी है, आप बैंक का ऋण अदा कर नोड्यूज ले लीजिए (( कानूनी बंधक Discharge Certificate form A तो कोई बैंक सरलता से निशुल्क देता ही नहीं है तथा स्वयं तो तहसीलदार और उपनिबंधक को कभी भेजता ही नहीं है )) फिर भी खतौनी से बंधक नामा कटवाना आसान काम नहीं है ,दौड़ धूप मे हज़ार दो हज़ार तो खर्च ही करना पड़ेगा। बंधक नामा काटने के कुछ आदेश तो आपको up.vaad.nic पर धारा 34 रेवेन्यू कोड 2006 के अन्तर्गत तहसीलदार, नायब तहसीलदार के डिजिटल हस्ताक्षर से अपलोड भी मिल जाएंगे। कितनी कठिन है डगर पनघट की जो इस डगर पर चल रहा है या चल चुका है वही कठिनाई अनुभव कर पाता है। NPA योजना सन 1986 से ही बैंक अधिकारियों की मनमानी कार्यशैली को प्रदर्शित कर रही है। मित्रों, I think and I boldly submitting that KCC is a cash credit facility in a nature of revolving fund without restrictions in numbers of debits and credits, But bank and credit officers of India had been producing since beginning KCC as a Term Loan। मै निरन्तर महसूस कर रहा हूं कि इस देश के अर्थशास्त्री और उनसे जुड़ी आर्थिक संस्थाएं एक ही फार्मूला पर चल रहीं हैं कि वेबकूफ कमाते हैं और होशियार खाते हैं साधारण जनता और देश को प्राइवेट सिस्टम के साथ ही सरकारी सिस्टम भी Cyber Fishing की तरह, तरह तरह के लालच का झांसा देकर मोहक कल्पना मे फंसा करके मानसिक, आर्थिक और सामाजिक स्तर पर जनसामान्य और देश को निरन्तर Slow poison देकर खोखला कर रहे हैं। ऐसे भ्रष्ट System पर विराम लगाने हेतु कठोर आत्मानुशासन एवम् दंडानुशासन बढ़ाने की प्रबल आवश्यकता है। सादर नमस्कार पुनीत शुक्ल निःशुल्क Retd PCS UP Lucknow 9415084875 ।
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