मुसहर समुदाय की आवाज बनने को बना संगठन

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बनारस की संस्थाओं ने मिलकर किया गठन

आज भी हासिए पर है मुसहर जाति

रिपोर्ट- राजकुमार गुप्ता, वाराणसी

वाराणसी: कई जातियां आरक्षण का लाभ लेकर आगे बढ़ गईं, लेकिन मुसहर जाति आज भी हासिए पर है। महादलितो के दिन-प्रतिदिन बिगड़ती हालत पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग का गठन करके मुसहर समेत अन्य दलित जातियों को उनके विकास के लिए विशेष पैकेज दिया गया। पैकेज में महादलितों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई गई। पिछले 3 महीनों से जारी लॉकडाउन में दशकों से हाशिए पर रहने वाले मुसहर समुदाय की स्थिति और भी नाजुक हो गई है उनके पारंपरिक रोजगार दोना पत्तल आदि व्यवसाय छिन गया मनरेगा मजदूरी से भी वह कोसो दूर हो गए उनके समक्ष आजीविका का संकट मंडरा रहा है। बावजूद इसके इस समाज की दशा नहीं सुधरी। ऐसे में उन योजनाओं की वास्तविक स्थिति क्या है, उस पर बातचीत की जरूरत है। आजादी के इतने बरस बाद भी मुसहर सहित अन्य वंचित समुदायों के जीवन स्तर में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।

मंगलवार को बनारस दुर्गाकुंड में खुले एसिड पीड़िताओ के स्वामित्व की देश के पहले रेस्तरां की सर्वाइवर बदामा देवी, संगीता कुमारी व शन्‍नो का ‘ऑरेंज कैफे’ खुलने के कुछ ही दिन बाद कोरोना ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया। संकटकाल के इस दौर में समाज से प्रताड़ित ये महिलाएं अपनी रोजी रोटी की चिंता छोड़ लॉकडाउन में फंसे हजारों भूखे प्‍यासे लोगों की पेट की आग शांत करने में जुटी थी। अब एसीड पीड़िताओ के उक्त आरेंज कैफे में जिले के विभिन्न सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मिलकर मुसहर अधिकार मंच का गठन करके आज के संदर्भ में मुसहर जाति का सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं राजनीतिक स्थिति’ पर चर्चा के दौरान ये बातें उभरकर सामने आई।

वक्ताओं ने कहा कि आज भी 90.3 फीसदी मुसहर जाति के लोग निरक्षर व भूमिहीन हैं। राजनीतिक और प्रशासनिक उपेक्षा इसकी सबसे बड़ी वजह है। वक्ताओं ने आंकड़े की तस्वीर बदलने और इसके लिए संगठन को मजबूत बनाने की जरूरत पर बल दिया।
संगठन की तरफ से अगले 3 महीनों में मुसहर समुदाय को आजीविका से कैसे जुड़े इसके लिए उपरोक्त सभी जनपदों में मुसहर समुदाय का नाम राशन कार्ड से जोड़ने तथा प्रति यूनिट 5 किलो अनाज सुनिश्चित करने तथा मनरेगा से जुड़ने के लिए अभियान चलाने की सहमति बनी।

वक्ताओ ने कहा कि मुसहर अधिकार मंच समाज के हक- अधिकारों को लेकर लगातार संघर्ष करेगा। फिलहाल वाराणसी, चंदौली, मीरजापुर के 3 जिलों में संगठन खड़ा करके इसे मजबूत करने और संगठन के अंदर सामूहिक नेतृत्व विकसित करने पर भी जोर दिया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम्या संस्थान की निदेशिका बिंदु व संचालन रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख अजय पटेल ने किया। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता, पूजा कुमारी, बबलू राम, ग्राम्या संस्थान के सह निदेशक सुरेंद्र यादव, बाबू अली साबरी आदि ने भी अपने विचार रखे। अंत में सर्वसम्मती से नव गठित संगठन ‘मुसहर अधिकार मंच’ का नेतृत्व मानवाधिकार जन कल्याण ट्रस्ट की पूजा कुमारी को सौंपा गया।

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