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कोविड-19 ने ‘डिजिटल क्रांति’ के द्वार खोले- राजकुमार गुप्ता
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जमाना ‘लाइन’ में लगने का नहीं रहा, अब आन लाइन’ होने का आ गया
वाराणसी/रोहनियां, 10 अगस्त 2020 सोमवार, सोशल मीडिया में सक्रिय रहते हुए किन बातों का ध्यान रखें, साइबर क्राइम से बचने के क्या तरीके हैं, डिजिटल वर्ल्ड में किस तरह गोपनीयता और सुरक्षा बनाएं रखें, आशा ट्रस्ट और मनरेगा मजदूर यूनियन के ओर से आराजी लाइन के समक्ष स्थित मनरेगा मजदूर यूनियन सभागार में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में कोरोना काल के समय से बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति लोगों को जागरूक किया गया।
शिक्षा, राशन वितरण और पेंशन, आवास, बिलपे से लेकर शिकायत तक सभी काम पेपरलेस तरीके से किए जा रहे हैं. शिक्षण के लिए एप्प, आधार कार्ड के लिए एप्प, बैंक के लिए एप्प, मैसेजिंग, प्रशिक्षण, बैठक, सेमिनार आदि के लिए एप्प और न जाने किस-किस तरह की एप्प हम डाउनलोड करते हैं। जिसके मद्देनजर सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीण युवाओं को डिजिटलीकरण, आनलाइन पेपरलेस शिकायत, सुझाव के विभिन्न एप से परिचित कराने के लिए उक्त एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर कार्यशाला में फेसबुक, इंट्राग्राम, ट्वीटर, ई-केवाईसी, ई लर्निंग, जीमेल, गूगल मैप, गुगल सर्च, डाटा एनालिस, फ्लीकार्ट, याहू, अमेजन, पीजी, आईजीआरएस, यूपीकाप, आरोग्य सेतू, आरटीआई, वोटर हेल्पलाइन,आरटीई, भूलेख, ई-कोर्ट एवं सरकारी जन पोर्टलों सोशल मीडिया, आनलाइन पेपरलेस के विभिन्न प्लेटफॉर्म की तकनीक स्वरूप के बारे में जानकारी ट्रेनिंग दी गई। बतौर प्रशिक्षक सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने युवाओं के भविष्य के लिए सोशल मीडिया व विभिन्न ऐप की उपयोगिता पर कार्यशाला मे ग्रामीण युवाओं को अहम जानकारियां बहुत बेहतरीन तरीके से उपस्थित प्रतिभागियों को समझाया और कहा कि महामारी के दौर में ऑनलाइन क्रांति कोविड 19 ने ‘डिजिटल क्रांति’ के लिए द्वार खोल दिये हैं और अब जमाना लाइन में लगने का नही ऑनलाइन होने का है। इस कार्यशाला में भाग ले रहें लोगों को बताया गया कि आप कैसे घर बैठे अपनी शिकायत और सुझाव पीएम से लेकर सीएम तक पहुंचा सकते हैं। अलावा रोजमर्रा की जरूरतें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विभिन्न एप्स के माध्यम से घर बैठे सरल और आसानी से पूरी कर सकते हैं। इससे उन्हें अपनी समस्या की शिकायत व सुझाव के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। पेपरलेस सिस्टम के तहत सभी विभागों की ऑनलाइन शिकायतें घर बैठे मोबाइल, लैपटॉप, कम्प्यूटर, स्मार्टफोन, टैबलेट के जरिए दर्ज कराई जा सकती है।
यूनियन के संयोजक सुरेश राठौड़ ने बताया कि प्रशिक्षण शिविर का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को साइबर जगत के नकारात्मक पहलुओं से अवगत कराते हुए इंटरनेट पर उनके लिए सुरक्षित माहौल तैयार करना है। इसके तहत तीन मुख्य उद्देश्यों पर काम किया गया। इनमें डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना, साइबर क्राइम के बारे में जागरूकता लाना और साइबर क्राइम से निपटने के लिए सुरक्षा के मौजूदा टिप्स के बारे में जानकारी देना शामिल है जिससे ग्रामीणों को जागरूक बनाकर उन्हें सुरक्षा कवच दिया जा सकता है। संचालन महेंद्र राठौड़ ने किया। इस दौरान रेनु, श्रद्धा, गुंजन, अजय,क्षप्रियंका, नेहा, अली हसन, रोहित, मुस्तफा, जैसलाल, मनोज आदि लोग उपस्थित थे।
द्वारा
राजकुमार गुप्ता वाराणसी