यूपी-मप्र बॉर्डर: झाँसी में गुजरात से आये 1800 प्रवासी मजदूरों को रोका गया

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प्रसाशन की लापरवाही की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग की उंडी धज्जियां

● कई घण्टे सड़क पर ही बैठे रहे मजदूर,

झाँसी— वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पूरे देश मे लाकडाउन है इस लाकडाउन मे भी मजदूरों का पैदल अपने घर जाने का सिलसिला है कि थम ही नही रहा है, जब कि सरकार मजदूरों को लाने के लिए ट्रेन व बसे भी चला रही है फिर भी मजदूर पैदल ही अपने घरों को निकल पड़े है ऐसा ही एक मामला झाँसी जनपद के चिरुला बॉर्डर पर देखने को मिला जहाँ गुजरात से आये मजदूरों को झाँसी प्रसाशन ने रोक लिया । प्रसाशन के रोकने पर नाराज मजदूर वही धरने पर बैठ गए । झाँसी प्रसाशन ने कहा कि हमे साशन से इजाजत नही है इस लिए हम इन्हें यहाँ से नही जाने दे सकते । कई घन्टे तक मजदूरों के सड़क पर बैठने के कारण यहाँ जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई ।

गौरतलब है गुजरात से आये लगभग 1800 से अधिक मजदूरो को झाँसी और मध्यप्रदेश की सीमा पर चिरुला बॉर्डर पर रोक लिया गया । मजदूरों को रोके जाने से नाराज मजदूर वही धरने पर बैठ गए । धरने पर बैठे मजदूरों ने सोशल डिस्टेंसिंग की इस तरह धज्जियां उड़ाई की देखते ही बनता था। पुलिस भी कम संख्या में होने के कारण इन मजदूरों के सामने बौनी साबित हो रही थी । गुजरात से आये मजदूरों का कहना था कि हमे गुजरात प्रसाशन ने पास जारी किए है जब कि गुजरात प्रसाशन ने इसकी जानकारी झाँसी प्रसाशन या सरकार से शेयर नही की झाँसी प्रसाशन ने कहा कि हमे किसी भी तरह की कोई जानकारी नही है । गुजरात से आये ये मजदूर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से है जो लाकडाउन के कारण गुजरात से चलकर अपने घर जाना चाहते थे । पर इन्हें यहाँ झाँसी जिला प्रसाशन ने रोक लिया है कई घण्टे बाद झाँसी प्रसाशन ने इन्हें जाने दिया ।

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