रामकथा की जन्मस्थली शिवरात्रि से होगी राममय

9
48 वें राष्ट्रीय रामायण मेला के आयोजन को लेकर तैयारियों के बारे में जानकारी देते कार्यकारी अध्यक्ष राजेश करवरिया, महामंत्री डा0 करूणाशंकर द्विवेदी, राजा बाबू पांडेय, मनोज मोहन मिश्र।
  • राष्ट्रीय रामायण मेला (प्रांतीयकृत) के पांच दिवसीय आयोजन में आएंगे देश भर से श्रीराम कथा के विद्वान मर्मग्य

  • रामलीला, भजन संगीत कला प्रदर्शनी, विद्वत गोष्ठियों, प्रवचन से मिलेंगेे श्री राम के विविध रूपों के दर्शन

चित्रकूट । भले ही श्रीराम ने अयोध्या में जन्म लिया, पर चित्रकूट वह भूमि है जिसने श्रीराम कथा को घर-घर तक पहुंचाने का काम किया। पिछले 47 सालों से चल रही श्रीराम कथा को जन जन तक पहुंचाने की निःशुल्क परंपरा का निर्वहन करने के लिए इस बार भी राष्ट्रीय रामायण मेला की आयोजन समिति पूर्ण रूप से तैयार हो चुकी है। शिवरात्रि से रामायण अर्चना, रामलीला, भजन संगीत, प्रवचन- व्याख्यान, कला प्रदर्शनी के साथ गीत संगीत के विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए लोगों को ज्ञान मिलेगा।

शुक्रवार की दोपहर रामायण मेला भवनम् में आयोजित पत्रकार वार्ता में मेले के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश कुमार करवरिया, महामंत्री डा0 करूणाशंकर द्विवेदी, राजा पांडेय आदि ने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी राष्ट्रीय रामायण मेला शिवरात्रि 11 मार्च से प्रारंभ होगा। पांच दिनों के इस आयोजन में कोरोना गाइड लाइन का पूरा पालन किया जाएगा। सेनेटाइजर व मास्क की व्यवस्था रहेगी। कार्यकारी अध्यक्ष राजेश करवरिया ने बताया कि 11 मार्च की सुबह 7 बजे से रामायण अर्चना का कार्यक्रम शुरू होगा। पूरे आयोजन के दौरान लगातार श्री रामचरित मानस का पाठ रिटायर्ड शिक्षक महेश प्रसाद रिछारिया व उनकी टीम करेगी। सुबह दस बजे निर्मोही अखाड़ा तिराहा से हाथी घोड़ा बैंड बाजा के साथ संतों व महंतों की विशाल शोभायात्रा निकलेगी। इसमें धर्मनगरी के सातों अखाड़ों निशानों के साथ नागा साधू अपने शौर्य के करतब दिखाते हुए रामायण मेला भवनम आएंगे। यहां पर शोभायात्रा का स्वागत परंपरागत तरीके से किया जाएगा। सभी महंतों का सम्मान होगा। इसके बाद मेले का शुभारभ वेद विद्यालय के छात्रों के मंगल गायन से प्रारंभ होगा। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मेले के शुभारंभ के लिए न्यौता दिया गया था। उन्होंने आमंत्रण स्वीकार करते हुए आने की बात कही थी। जल्द ही उनका कार्यक्रम आने की उम्मीद है। वैसे शुभारंभ के मौके पर जगद्गुरू रामानंदाचार्य रामभद्राचार्य जी महराज, जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी महराज, जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य जी महराज, सहित चित्रकूट के सभी अखाड़ों के श्री महंतों के साथ लगभग सभी स्थान महंत व कथा वाचक मौजूद रहेंगे।

राष्ट्रीय रामायण मेला की तैयारियों का जायजा लेने के बाद कार्यकारी अध्यक्ष राजेश करवरिया से बात करते मुख्य विकास अधिकारी अमित आसेरीं व साथ में मंडलीय पर्यटन अधिकारी व उप निदेशक कृषि

महामंत्री डा0 करूणाशंकर द्विवेदी ने बताया कि देश भर से रामकथा के मर्मग्य इस आयोजन में भाग लेने आ रहे हैं। इंदौर से मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, गुवाहाटी से देवेन चंद्र दास, चेन्नई से डा0 अशोक कुमार द्विवेदी, हैदराबाद से डा0 बंगरैया शर्मा, बर्धा से डा0 अवधेश शुक्ल, मुजफ्फरपुर से पं0 रामदेव शर्मा, बिहार से मानसमुक्ता यशुमती,प्रयाग राज से डा0 सभापति मिश्र, नागपुर से लक्ष्मण शिवहरे सहित अनेक कथावाचक विद्वान आएंगे।

सांस्कृतिक संध्या की छटा अलौकिक रहेगी। प्रयागराज के उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के कलाकार 12 से 14 मार्च तक लगातार लोकनृत्य व लोकगीत की प्रस्तुति देंगे तो सूचना एवं संस्कृति विभाग के कलाकार भी इस दौरान स्टेज पर अपने रंग बिखेरेगें। 13 मार्च पर रामायण मेला के इतिहास में पहली बार नई दिल्ली के कथक केंद्र द्वारा नटवरी नृत्यु की प्रस्तुति होगी। इसी दिन यश चैहान द्वारा ध्वनि एंव प्रकाश के माध्यम से सम्पूर्ण रामायण नई दिल्ली के गुरू जयकिशन महराज व 15 मार्च को पर्निया श्री का कथक नृत्य आकर्षण का केंद्र होगा। इसके अलावा सुबह के सत्र में रामलीला व शाम के सत्र में रासलीला का प्रस्तुतिकरण वृन्दावन के कलाकार करेंगे। झांसी के रामाधीन आर्य व रघुवीर सिंह यादव, कल्पना चैहान, लल्लू राम शुक्ला, विशेष नारायण मिश्र, कु0 समोरमा, कु0 मनोरमा आदि अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इस दौरान राजेंद्र मोहन त्रिपाठी, मो0 यूसुफ, ज्ञान चंद्र गुप्ता, मो0 इम्तियाज, सत्येन्द्र पांडेय आदि मौजूद रहे।

पुराने डीएम से खफा तो नए डीएम की तारीफ

मेले के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश करवरिया व महामंत्री डा0 करूणाशंकर द्विवेदी ने कहा कि पूर्व डीएम शेषमणि पांडेय ने चित्रकूट में लगतार 47 साल आयोजित हो चुके इस अभूतपूर्व आयोजन को बर्बाद करने में कोई कोर कसर नही छोड़ी, पिछले साल राजाज्ञा के बाद इस मेले को प्रांतीयकृत किया गया। हमसे खर्च मांगा गया तो हमने 15 लाख 60 हजार का खर्च दिया। इस साल यह फाइल अभी तक रखी हुई थी। चार दिन मेला शुरू होने के लिए बाकी हैं और अभी तक फंड ट्रांसफर नही किया गया था। शुक्रवार की सुबह नए जिलाधिकारी शुभ्रांत शुक्ला से मुलाकात कर जब समस्या से अवगत कराया तो उन्होंने तुरंत ही एडीएम को फंड ट्रांसफर करने के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं दुरस्त करने के आदेश दिए।

मेला भवनम पहुंचे सीडीओ, देखी व्यवस्थाएं

– आयोजकों से बताया बड़े नाम वाले कलाकारों को लाने का प्रशासन कर रहा है प्रयास

दोपहर के समय ही मुख्य विकास अधिकारी अमित आसेरी भी रामायण मेला भवन पहुंचे और उन्होंने वहां पर चल रही व्यवस्थाओं को देखने का काम किया। इस दौरान उन्होंने मेला के आयोजकों से पिछले वर्ष अयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी लेने के बाद कहा कि इस बार प्रशासन अपनी ओर से कुछ कलाकारों को बुलाने का प्रयास कर रहा है। बाहर से आने वाले कलाकारों को मंच में समय दिये जाने के लिए कहा। इस पर मेले के महामंत्री करूणाशंकर द्विवेदी ने कहा कि अगर हमें दो तीन दिन में उन कलाकारों के नाम मिल जाएं तो उनका समय तो तय हो ही जाएगा साथ ही पर्चे पर भी उनका नाम व फोटो छाप सकते हैं। सीडीओ ने व्यवस्थापकों से कहा कि प्रशासन मेले को शानदार तरीके से करवाने के लिए आपके साथ है। जिन व्यवस्थाओं की दरकार हो वह आप लोग निःसंकोच बताएं। इस दौरान मंडलीय पर्यटन अधिकारी शक्ति सिंह, उप निदेशक कृषि टीपी शाही मौजूद रहे।

मेले की तैयारियां पूरी, लग गए झूले और कपड़ों के स्टाल

मेले की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बाहर आने वाले हैंडलूम के कपड़ों के साथ ही अन्य स्टाल पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं। झूले भी रैन बसेरा की भूमि पर लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा सूचना विभाग की प्रदर्शनी का काम भी शुरू हो चुका है। उप निदेशक कृषि ने कृषि मेला के लिए जमीन का स्थलीय निरीक्षण कर कहा कि इस बार का कृषि मेला पहले से शानदार होगा।

Click