राहत पैकेज पार्ट-2: शहरी गरीब, किसान, प्रवासी मजदूर-किसे क्या मिला?

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रिपोर्ट – दुर्गेश सिंह

आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज का ऐलान पीएम मोदी ने किया था. अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस पैकेज के बारे में विस्तार से बता रही हैं और ये भी बताया जा रहा है कि किस सेक्टर को क्या मिला। ऐलान के दूसरे दिन वित्त मंत्री ने शहरी गरीबों, किसानों, प्रवासी मजदूरों के लिए राहत पैकेज के बारे में बताया।

सरकार ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना लागू करने की तैयारी में है। साथ ही प्रवासी मजदूरों को दो महीने मुफ्त अनाज और कम किराए वाले मकान की योजना का भी ऐलान किया गया। आइए जानते हैं ऐलान में किसे क्या मिला?

किसान
30,000 करोड़ अतिरिक्त वर्किंग कैपिटल फंड
ये नाबार्ड के जरिए दिया जाएगा। ये सालाना औसत 90,000 करोड़ के अतिरिक्त होगा ये सहकारिता और ग्रामीण बैंकों के जरिए दिया जाएगा। 3 करोड़ किसानों को फायदा होगा। किसान क्रेडिट कार्ड का दायरा बढ़ाया जाएगा। 2.5 करोड़ नए किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा। इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इन्हें रियायती दर पर कर्ज मिलेगा। 2 लाख करोड़ के ऋण दिए जाएंगे, इसमें पशुपालक और मछली पालक भी शामिल होंगे

प्रवासी मजदूर

  • अगले दो महीनों के लिए प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन
  • 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को फायदा होगा
  • 3,500 करोड़ का पूरा खर्च केंद्र उठाएगा
  • वन नेशन-वन राशन कार्ड-मार्च 2021 तक पूरे देश में लागू हो जाएगा
  • 67 करोड़ लोगों अभी फायदा मिल रहा है
  • पीएम आवास योजना के तहत प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए प्रावधान
  • उद्योगों को इन्सेटिव देंगे जो मजदूरों के लिए अपनी जमीन पर रेंटल मकान बनाएंगे
  • राज्य सरकार भी इन्सेटिव देगी

इनका किराया कम होगा

  • बड़े शहरों में सरकार भी रेंटल मकान बनाएंगी
  • ये पीपीपी मॉडल किया जाएगा।
  • रेहड़ी पटरी वालों को 5000 करोड़ रूपए का कर्ज।
  • एक महीने के अंदर स्कीम आएगी।
  • अंदाजन 50 लाख रेहड़ी पटरी वाले हैं देश में।
  • 10,000 रूपए तक का लोन मिलेगा।

हाउसिंग सेक्टर
सरकार ने क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना को अब मार्च 2021 तक बढ़ाने का फैसला किया है। इससे मिडिल इनकम ग्रुप के करीब 2.5 लाख परिवार को फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में फायदा होगा। मिडिल इनकम ग्रुप जिनकी सालाना इनकम 6-18 लाख के बीच हो, उनके लिए क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना मई 2017 से चल रही है। पहले इसे मार्च 2020 तक बढ़ाया गया था, अब इसे मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है।

हाउसिंग में 70 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद
सरकार ने बताया कि अभी तक इस योजना का फायदा 3.3 लाख परिवारों को हुआ है। अगले वित्त वर्ष में करीब 2.5 लाख परिवारों को इसका फायदा मिलने की उम्मीद है. सरकार का अनुमान है कि इससे हाउसिंग सेक्टर में 70 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश होगा। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे स्टील, सीमेंट, ट्रांसपोर्ट और बाकी कंस्ट्रक्शन मटेरियल की डिमांड बढ़ेगी।

ऐ्लान से पहले मजदूरों के लिए FM ने क्या बताया?

  • 13 मई तक मनरेगा में 14.62 करोड़ कार्य दिवस सृजित किए गए
  • 10,000 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं
  • 1.87 हजार ग्राम पंचायतों में काम हुआ
  • ये पिछले साल मई के मुकाबले से 30-40% ज्यादा है
  • राज्यों को प्रवासी मजदूरों को काम देने की सलाह दी जा रही है
  • 182 से मजदूरी 202 रूपए किए गए

खेती-किसानी को लेकर FM ने क्या कहा?

  • मार्च-अप्रैल में 63 लाख लोन मंजूर किए गए
  • किसानों के लिए एक मार्च से 13 अप्रैल 86,600 करोड़ के लोन अप्रूव हुए
  • नाबार्ड ने कोऑपरेटिव और ग्रामीण बैंक को 29,500 करोड़ दिए
  • 4,200 करोड़ ग्रामीण इंफ्रा के लिए राज्यों को दिया गया
  • राज्यों को भी कृषि उत्पाद खरीदने के लिए 6,700 करोड़ दिए गए
  • प्रवासी मजदूरों/शहरी गरीब के लिए पिछले दो महीनों में क्या-क्या किया गया
  • प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को कई तरह की मदद दे रहे हैं
  • आपदा राहत फंड के तहत 11000 करोड़ उपलब्ध कराए गए
  • पिछले दो महीने में लॉकडाउन के दौरान 40 लाख शहरी बेघरों को शेल्टर होम्स में तीन वक्त का खाना दिया गया
  • 12000 – स्वयं सहायता समूहों ने 3 करोड़ मास्क और सैनेटाइजर का उत्पादन किया। गुजरात से शुरू हुआ पैसा पोर्टल बाकी देश में शुरू हो रहा है। करीब 7200 नए स्वयं सहायता समूह बने हैं ताकि गरीबों की मदद हो सके।

राहत पैकेज पार्ट-1 में किसे क्या मिला?

इससे पहले 13 मई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई ऐलान किए थे। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने 20 लाख करोड़ रुपये के मेगा राहत पैकेज के तहत 15 प्रमुख घोषणाएं कीं। वित्तमंत्री ने सूक्ष्म, लधु एवं मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई को बढा़वा देने के लिए बड़ी राहत देने के साथ-साथ एमएसएमई की परिभाषा में भी बदलाव का एलान किया.एमएसएमई के लिए तीन लाख करोड़ रुपये का कोलेटल फ्री यानी बगैर किसी जमानत या बंधक के कर्ज प्राप्त करने की व्यवस्था की है।

साथ ही आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है। वहीं, टैक्स ऑडिट की आखिरी तारीख 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर की गई है। रेलवे, सड़क परिवहन राजमार्ग और सीपीडब्ल्यूडी जैसी केंद्र सरकार की एजेंसियों के ठेकेदारों को उनके प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए छह महीने का और समय दिया जाएगा।

कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में नियोक्ताओं और कर्मचारियों के अंशदान को अगले तीन महीने के लिए 12-12 प्रतिशत से घटाकर 10-10 प्रतिशत कर दिया गया है।

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