लपकों के आतंक से ग्रसित चित्रकूट के तीर्थयात्री

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– निर्मोही तिराहे पर पुलिस बूथ पर साधिकार कब्जा जमाते हैं ईरिक्शा
– निर्मोही तिराहे पर लपकों का है आतंक, परेशान हैं बाहर से आने वाले यात्री
– रामघाट पर खुुले होटलों में खुले आम पहुंच रहे चार पहिया वाहन
– सुविधा व सुरक्षा के तैनात पुलिस के नही होते दर्शन

खाता न बही जो पुलिस कहे वही सही। दुर्घटना हुई और पुलिस का चाबुक गरीब ई रिक्शा पर चला, लेकिन चार दिन की चांदनी के बाद फिर अंधेरी रात वाली मसल सामने आ रही है। ऐसा लगता है कि रामघाट के चारो तरफ ई रिक्शा, टैम्पों व टैक्सी वालों के आतंक के चलते पुलिस भी निर्मोही तिराहे पर बना अपना बूथ छोड़कर भाग खड़ी होती है। सुबह पांच बजे से लेकर रात 12 बजे तक यहां पर आवारा पशुओं के साथ ही ई रिक्शा वालों ने अपना स्टैंड बना रखा है। हाल यह है कि पुलिस का कोई बंदा न तो घाट पर दिखता है और न ही उनके दर्शन निर्मोही तिराहे पर होते हैं, जिसके चलते इन दिनों लपकों, गिरहकटों के साथ चोरों की पौ बारह है।
आईये आपकों लेकर चलते हैं रामघाट, यहां पर चित्रकूटधाम के महाराजा मत्तगयेन्द्र नाथ का विश्व प्रसिद्व मंदिर है। यहीं पर मंदाकिनी के किनारे गोस्वामी तुलसीदास जी महराज को श्रीराम लक्ष्मण जी के दर्शन हुये थे। यज्ञवेदी, भरतमंदिर, पर्णकुटी, तुलसीगुफा के साथ महादेव की दो अन्य प्रतिमायें हैं। शाम के समय यहां पर मंदाहकिनी गंगा आरती, शंकर जी की आरती जैसे कार्य रोजाना शाम को होते हैं। लेकिन वीवीआईपी के आगमन के अलावा यहां पर कभी पुलिस के जवान दिखाई न देने के कारण चोरो और गिरहकटों का आतंक हैं। मध्य प्रदेश के खटिकाना के रहने वाले छोटे-छोटे बच्चे यहां पर दीपक बेंचने का काम करते हैं। यही बच्चे चोरी के साथ अन्य गलत कार्यों में लगे दिखाई देते हैं। पिछले दिनों मध्य प्रदेश की तरफ एक बालिका के साथ दुष्कर्म का कारनामा भी खटिकाना के कुछ लड़कों ने ही किया था।
यूपी की तरफ रामघाट में दो असरदार लोगों ने होटल खोल रखे हैं। एकक होटल पुलिस के एक बड़े अफसर का बताया जाता है। इन होटलों से निकलने वाली गंदगी को पवित्र मंदाकिनी में डाले जाने की शिकायत भी कई बार स्थानीय लोग कर चुके हैं। लेकिन उंची पहुंच के चलते उन पर पुुलिस व प्रशासन की कार्यवाहही शून्य रही। रामघाट के पूर्व निर्मोही अखाड़ा दिन भर नाव वाले लपकों का आतंक रहता है। यह लोग नाव पर घुमाने को लेकर दिन भर बाहर से आने वाले यात्रियोें को परेशान करते दिखाई देते हैं। गिरहकटी और चोरी भी इनका पेशा है। निर्मोही तिराहे पर जहां एक ओर ई रिक्शा व टैंम्पों टैक्सी वालों का आतंक साफ तौर पर दिखाई देता है, वहीं रामघाट के अंदर चार पहिया वाले खुले अआम धमाचौकड़ी मचाते दिखाते देते हैं। चरखारी मंदिर के साथ ही घाट के दूसरी ओर उत्तरी किनारे पर चार पहिया वाहनों की भरमार के चलते पैदल चलने वाले यात्रियों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। चार पहिया वाहनों की धमाचौकड़ी के चलते घाट के फुटपाथ पर लगे कई पत्थर भी टूट चुके हैं। जिससे स्थानीय लोग घाटल होते हैं।
तीर्थ पुरोहित समाज के महामंत्री तिवारी जी कहते हैं कि रामघाट पर चार पहिया के आने और गिरहकटों के आतंक के कारण बाहर से आने वाले लोग परेशान हैं। इसको लेकर पुलिस की भूमिका सही नही है। पुलिस को चाहिये कि यहां पर कम से कम दो लोगों की परमानेंट डयूटी लगाये, जिससे घाट पर नहाने वालों की चोरी रूक सके।
समाजसेवी दयाशंकर गंगेले, पुरूषोत्तम तिवारी ने कहा कि निर्मोही अखाड़े पर पुलिस बूथ बना दिया गया है। जो शो पीस से ज्यादा कुछ नही है। यहां पर पुलिस बल को तैनात करना चाहिये। जिससे ई रिक्शा वालों के आतंक से लोगों को मुक्ति मिल सके।

रिपोर्ट- संदीप रिछारिया

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