शांति के साथ ही चित्रकूट की धरती पर मिलती है निर्मलताः मालिनी अवस्थी

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  • चित्रकूट में 29 फरवरी को आना मोदीजी आना क्रांतिकारी कदम

  • क्षेत्रवाद में न पड़कर विश्वभर में विविधताओं से भरे चित्रकूट की मार्केटिंग करना हर भारतीय का दायित्व

संदीप रिछारिया

चित्रकूट। यूपीडा के मुख्य कार्याधिकारी अवनीश अवस्थी की पत्नी लोकगायिका मालिनी अवस्थी पर्यटक आवास गृह के मंदाकिनी सूट में विशेष बातचीत में कहा कि विविधताओं से भरे धार्मिक पर्यटन क्षेत्र चित्रकूट के सुंदर स्थानों की मार्केटिंग विश्व भर में करना हर भारतीय का दायित्व व कर्तव्य है। 29 फरवरी को चित्रकूट में आना क्रांतिकारी कदम है। उनका दौरा चित्रकूट के विकास के इतिहास में ‘माइल्ड स्टोन‘ साबित होगा। अभी तक बुंदेलखंड के उपर किसी भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि शांति तो देश के अन्य तीर्थ क्षेत्रों में कहीं पर भी मिल सकती हैं, पर 10 बार चित्रकूट आने पर मुझे यह महसूस हुआ कि जो निर्मलता यहां पर है, वह कहीं भी नही है। उन्होंने कहा कि अगर इस स्थान की मार्केटिंग रिलीजियस टूरिज्म के तौर पर किया जाए तो लोग यहां पर एक-एक महीने आकर रहना पसंद करेंगे। कभी नाना जी इसी से आकर्षित हुए थे, श्रीराम भी इसी से आकर्षित हुए थे। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे विकास की दृष्टि से एक बड़ा कदम है। जब बड़े शहरों से यहां का नैकट्य होगा तो निश्चित तौर यहां पर बड़ा बदलाव होगा। मप्र के लोगों की दृष्टि संस्कृति के संरक्षण के प्रति ज्यादा सजग है। ओरछा में बनाया गया संस्कृति का का केंद्र बहुत सुंदर है। हमको तो वो देखकर ऐसा लगता है कि ऐसा केंद्र अयोध्या में होना चाहिए। इस दौरान उनके गुरू काशी के श्री मिश्र जी मौजूद रहे।

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