शास्त्रीय संगीत में बचपन से ही अपनी सेवाएं दे रही डॉ. दीपमाला हंस

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चित्रकूट पहुंचीं खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. दीपमाला हंस

चित्रकूट। चित्रकूट पहुंची खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय की संगीत विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर दीपमाला हंस ने कहा कि चित्रकूट आने की‌ मुझे बचपन‌‌ से इच्छा थी , मेरी मां‌ मुझे‌‌ सभी तीर्थ स्थलों में ‌साथ‌‌ लेकर‌ जाती‌ रही‌ है।

चित्रकूट एक पावन व आध्यात्मिक नगरी है। जहां प्रभु श्री राम अपने वनवास के समय बिताए। उन्होंने कहा कि शास्त्रीय संगीत में उनकी रूचि बचपन से ही रहे और उन्होंने शास्त्रीय संगीत में सभी मास्टर डिग्री ले पीएचडी की। बनारस राजघराने में गुरु मां गिरजा से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की। कहा कि शादी संगीत के माध्यम से मुझे संतो के सेवा करने का अवसर मिला।

साथ ही द्वारिकाधीश जगतगुरु शंकराचार्य के यहां भी शास्त्रीय संगीत की सेवा दी। आस्था और संस्कार चैनल में भी प्रस्तुतियां देने का अवसर मिला। कर्वी चित्रकूट सुंदर घाट में होने वाला 21जून‌ योग दिवस पर भावांजलि समारोह बौद्धिक समागम, कवि सम्मेलन एवं आध्यात्मिक भारत धारावाहिक का लोकार्पण मैं देश की बड़ी हस्तियां शिरकत करेंगी जहां मुझे भी अपनी प्रस्तुति करने का अवसर मिलेगा।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ गोविंद नारायण त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने लगभग एक दर्जन आईएएस ब आईपीएस के साथ कई पूर्व ब वर्तमान मंत्री‌ चित्रकूट पहुंच रहे हैं। कार्यक्रम की व्यवस्थाओं के लिए डॉक्टर मनोज द्विवेदी, समाजसेवी शानू गुप्ता,संदीप रिछारिया‌ व‌ पुष्पराज कश्यप को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

  • पुष्पराज कश्यप
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