शिवगढ़ पुलिस लॉकडाउन प्रभावितों एवं ज़रूरतमंदों के लिए बनी मसीहा

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● कोरोना के विरोध जंग लड़ रहे पुलिस जवानों को कोई भगवान तो कोई कह रहा फरिश्ता

रायबरेली। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है ऐसे में कोरोना वायरस का खौफ किसे नहीं है। देश में कोरोना वायरस दिनोंदिन पैर पसारता जा रहा है। जिसके प्रकोप से मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसे रोकने के लिए देश में किए गए 21 दिन के लॉकडाउन के बाद से दिहाड़ी मजदूरों,ठेले,खुमचे वालों की स्थित बद से बदतर हो गई है। जिन्हें जीविका का संकट सताने लगा है। रायबरेली में कोई गरीब, बेसहारा, लॉकडाउन प्रभावित एवं जरूरतमंद भूखा ना सोए जिसके लिए जिला शासन- प्रशासन पूरी तरह सजग है।

गरीबों, जरूरतमंदों एवं लॉकडाउन प्रभावितों के लिए मसीहा बन चुकी शिवगढ़ पुलिस अपनी जान की परवाह किए बगैर गांव-गांव पता लगाकर राशन एवं आवश्यक वस्तुओं की किट जरूरतमंदों को उनके घर जाकर दे रही है। पुलिस की इस सराहनीय पहल ने पुलिस के प्रति नकारात्मक सोच रखने वालों की सोच को बदल कर रख दिया है। इस राष्ट्रीय संकट में कोरोना के विरुद्ध जंग लड़ रहे पुलिस कर्मियों हर कोई सेल्यूट कर रहा है। लोग पुलिस को फरिश्ता मानने लगे हैं। गौरतलब हो कि बुधवार को शिवगढ़ थानाध्यक्ष राकेश सिंह थाना स्टाफ के साथ पिकअप में राशन और आवश्यक वस्तुओं की किटे लादकर गांव-गांव पता लगाकर जरूरतमंदों को उनके घर जाकर किटे दे रहे थे, तभी उन्हें जानकारी मिली की गढ़ी गांव के रहने वाले 60 वर्षीय दिव्यांग दिहाड़ी मजदूर परीदीन और रिक्सा रामशंकर के यहां कुछ खाने के लिए नहीं है।

जिसे सुनकर शिवगढ़ थानाध्यक्ष राकेश सिंह काफी भावुक हो गए और उन्होंने अपनी टीम से हेड कांस्टेबल तौसीफ खान, कॉन्स्टेबल ज्योति आदि को भेजकर परीदीन और रामशंकर को राशन एवं आवश्यक वस्तुओं की किट दिलाई। वहीं उनके पड़ोस में बैठे वृद्ध मोहनलाल और उनकी पत्नी को देखकर मायूस देखकर पुलिस ने उनसे उनका हाल जाना और 500 देकर उनकी आर्थिक मदद की। दूसरे की दीवार के सहारे खरफूस का छप्पर रखकर रह रहे भूमिहीन 60 वर्षीय दिव्यांग परीदीन ने बताया साहब कहीं काम मिल जाता था तो कर लेते थे जिससे जीविका चल जाती थी। लॉकडाउन के चलते घर से बाहर ना निकलने के कारण जो राशन था वह भी खतम हो गया साहब कल से उपवास कर रहे हैं। परीदीन ने बताया कोटे में 5 किलो राशन मिलता है जो खतम हो गया था, लेखपाल से राशन दिलाने के लिए कहा था तो लेखपाल ने कहा तुम्हारा कार्ड बना है तुम्हें समय पर राशन मिलेगा।

वहीं झोपड़ी में रह रहे रामशंकर ने बताया साहब लखनऊ में साइकिल रिक्शा चलाते थे। जनता कर्फ्यू के बाद से गांव में है जिसके चलते जीविका नहीं चल रही है। परीदीन और रामशंकर दोनो पुलिस के सामने हाथ जोड़कर बार-बार यही कह रहे थे साहब आप लोग हमारे लिए भगवान हो गए नही तो हम लोग किससे राशन मांगने जाते, दोनों ने पुलिस को खूब दुआएं दी। शिवगढ़ थानाध्यक्ष राकेश सिंह का कहना है कि यदि कोई जरूरतमंद है जिसके पास राशन एवं आवश्यक वस्तुएं नहीं हैं तो शिवगढ़ थाने फोन करके बता सकता है उसके घर राशन पहुंचाने का काम किया जाएगा।

किट में सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध

परीदीन ने बताया कि दी गई बोरी में 5 किलो चावल, 5 किलो आटा, 1 किलो अरहर की दाल, 1 किलो चीनी, आलू, प्याज, 1 लीटर कडुवा तेल, 1 किलो नमक, चाय पत्ती, धनिया, मिर्चा, हल्दी, नहाने और कपड़े धोने का साबुन सहित सभी आवश्यक वस्तुएं हैं।

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