श्रीमद्भागवत में मानव जीवन की सभी समस्याओं का निदान : भूपेंद्र मिश्र जी महराज

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प्रतापगढ़। श्रीमद्भागवत एक दिव्य और अलौकिक ग्रंथ है। भागवत कथा को सुनने से मानव जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। और परोपकार का भाव विकसित होता है। कथा श्रवण से जीवन जीने की प्रेरणा के साथ अपने कर्तव्य पथ पर चलने का भाव जागृति होता है।

उक्त बातें नवसृजित नगर पंचायत मांधाता के भट्ट नगर में हरिशंकर भट्ट के यहां चल रही संगीतमयी भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास श्री भूपेंद्र मिश्र जी महराज ने श्रोताओं के सम्मुख कहीं। कहा की श्रीमद् भागवत हमें अच्छा आचरण करने अनुशासन और आपस में एकता के साथ रहने की भी सीख देती है।

कथा में मानव जीवन की सभी समस्याओं का निदान है। अपने कर्तव्य पथ से विचलित नही होने तथा हमेशा भगवत भजन में लीन रहने का भी मार्ग प्रशस्त होता है। कथा में कथा व्यास ने मां भगवती आदिशक्ति के द्वारा आसुरी शक्ति, शुम्भ, निशुम्भ, चण्डमुण्ड, रक्तबीज, धूम्रविलोचन आदि का संघार करके चरित्र पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा भक्ति में कोई आयु सीमा मायने नहीं रखती है। इसका सबसे जीता जागता उदाहरण भक्त ध्रुव और भक्त प्रहलाद हैं। बालक ध्रुव मात्र 5 वर्ष की अवस्था में सौतेली मां से अपमानित होकर प्रभु भक्ति में लीन हो गए ,और अंत में उन्हें यश, वैभव, कीर्ति सब कुछ मिल गया।

कथा व्यास ने सभी जीवो पर दया करने के साथ-साथ विशेष तौर पर बेजुबानो जैसे गौ माता के विशेष संरक्षण की अपील की। कहा कि गाय हमारी माता है और हमें हमेशा गौमाता का आदर करना चाहिए इस दौरान क्षेत्र के भारी संख्या में श्रोता मौजूद रहे।

  • अवनीश कुमार मिश्रा
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