कौशाम्बी। जनपद के मोहब्बतपुर पइंसा थाना क्षेत्र के अनेठा गांव में एक 26 वर्षीय युवक ने कोरोना वाइरस के खिलाफ “सत्याग्रह” कर उसे हारने की ठानी है। युवक दिल्ली से पदयात्रा कर मगलवार की भोर अपने गांव पंहुचा है। युवक का आरोप है कि उसका अभी कोरोना सम्बंधित जाँच नहीं हुयी है। जिसके चलते वह अपने घर में न रहकर गांव के बाहर रह कर खुद को क्वेरेन्टाईन कर रहा है। ग्रामीण युवक की जागरूकता से काफी प्रभावित है। उन्होंने युवक इस कदम को कोरोना वाइरस के खिलाफ सत्याग्रह बताया है।
सिराथू तहसील के अनेठा गांव में जागरूकता की अनोखी मिशाल बना गया है। दरअसल में बृहस्पतिवार को दिल्ली से पैदल चलकर मगलवार की भोर राधेश्याम का 26 वर्षीय बेटा कमल पटेल गांव पंहुचा। बेटे को देख माँ बाप का कलेजा ठंडा हो गया। पास आकर गले लगाने की कोशिस की, लेकिन बेटे से माँ पिता और अन्य परिवार के सदस्यों को खुद से दूर रहने की हिदायत दी। सभी बेटे की बात सुन अनजान आशंका से भर गए। तत्काल स्थानीय हेल्थ टीम व् कोरोना कंट्रोल रूम में फोन कर बेटे की जाँच की मांग की। कोरोना से लापरवाही का आलम यह है कि कमल पटेल की जाँच को जानकारी दिए 2 दिन का समाय बीत गया है लेकिन कोई भी हेल्थ कर्मी उसकी जाँच करने गांव नहीं पंहुचा।
कोरोना से सम्बंधित जाँच न हो पाने से कमल पटेल अपने घर की दहलीज लगाने को तैयार नहीं है। उसने गांव के बाहर खेत-खलिहान में घर से चारपाई मांग कर रात दिन खुद को क्वेरेन्टाईन करने में लगा है। वह घर से आये भोजन-पानी का प्रयोग पेड़ के पत्तल व् पानी मिटटी कुल्हड़ में करता है। कमल पटेल करने पर उसने बताया कि Covid-19 बीमारी के चलते लॉक-डाउन में उसे भूख से बिलखने के चलते दिल्ली से पैदल गांव तक आना पड़ा। उसे जानकारी है कि यह वाइरस बेहद खतरनाक है। इससे बचाव कर ही हराया जा सकता है। लिहाजा खुद को खुद के परिवार और समाज को इस भयावह बीमारी से बचाने के लिए उसके यह सत्याग्रह Covid-19 के खिलाफ शुरू किया है। निश्चित ही वह कोरोना को अपने गांव की दहलीज पर आने से रोकने में सफल होगा।
सिराथू तहसील के एसडीएम राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें दिल्ली से आये युवक कमल के बिना जाँच के गांव पहुंचने के मामले की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो हेल्थ टीम भेज कर जाँच तत्काल कराई जाएगी। कमल का Covid-19 वाइरस को सोशल डिस्टेंसिंग का तरीका अपना कर रोकने का प्रयास सराहनीय है। वह उसकी इस जागरूकता भरे कदम को अन्य जनपद में आने वाले लोगो को भी अपनाने की सलाह देते है। वह खुद युवक कमल के प्रयास का प्रशंसा पत्र आलाधिकारियों को भेजेंगे। ताकि ऐसे जागरूक युवको का सम्मान किया जा सके।
वैश्विक महामारी Covid-19 के खिलाफ देश में जारी लॉक-डाउन व् स्वच्छता की मुहीम अब रंग लाने लगी है। शहरों में ही नहीं ग्रामीण इलाके में भी लोग खुद के साथ समाज की चिंता करते दिख रहे है। जांगरूकता ही एक मात्र कोरोना वाइरस से बचाव का तरीका समझते हुए स्थानीय स्तर पर नायाब मिशाल “नए भारत की नीव” रखती दिख रही है।
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