सरकार के इस आदेश को न मानने पर आप पर भी दर्ज हो सकता है मुकदमा

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न्यूजडेस्क – कोरोना महामारी से देश को बचाने के लिए सरकार हरसम्भव प्रयास कर रही है मगर कोरोना संक्रमण अभी फिलहाल काबू में नहीं है, जिसको देखते हुए पहले 21 दिन के लाकडाउन की घोषणा हुई और लोगों को घर मे रहने को कहा गया, रेल के पहिये थम गए, बसों का चक्का जाम हो गया है, राज्य सरकारें भी अपने अपने प्रदेश की सुरक्षा के लिए नए नए नियम लगाकर जनता की सुरक्षा के लिए तत्पर हैं, ऐसे में यूपी सरकार ने भी कई कदम उठाए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित 15 जिलों के कोरोना हॉटस्पॉट वाले स्थलों को सील कर दिया है।

यूपी में फेस कवर अनिवार्य किया गया

उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए चिकित्सकों की राय के बाद प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति को फेस कवर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। एपिडेमिक एक्ट 1897 और उत्तर प्रदेश एपिडेमिक डिजीज कोविड19 विनियमावली 2020 के संगत प्रावधानों के अंतर्गत घर से बाहर निकलने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सार्वजनिक स्थलों पर जाते समय फेस कवर पहनना अनिवार्य कर दिया है।

मास्क का विकल्प भी बताया

सरकार ने फेस मास्क ना उपलब्ध होने की दशा में यह भी स्पष्ट किया है कि किसी साफ कपड़े से स्वयं तीन परत वाला फेस कवर बनाया जा सकता है, इस फेस कवर को साबुन से सफाई से धोकर पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है, मास्क न मिलने की दशा में गमछा, रुमाल दुपट्टा इत्यादि को भी फेस कवर की तरह मुंह ढकने में प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन इनको पुनः प्रयोग करने से पहले साबुन से अच्छी तरह धोकर साफ भी कर लिया जाए।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि एन 95 मास्क का प्रयोग केवल चिकित्सा कर्मियों द्वारा ही प्रयोग करना अनिवार्य है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि बिना मास्क घर के बाहर जाना एपिडेमिक एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा और कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

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