सुशांत सिंह राजपूत मौत मामला: नयी जनहित याचिका पर न्यायालय बृहस्पतिवार को करेगा सुनवाई

15

भाजपा नेता और अधिवक्ता ने दायर की जनहित याचिका

नयी दिल्ली । (भाषा) सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की सीबीआई की ‘एकीकृत’ जांच के लिये दायर जनहित याचिका पर उच्चतम न्यायालय बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा। जनहित याचिका में कहा गया है कि इस मामले की मुंबई पुलिस द्वारा की जा रही जांच के तरीके से पूरा देश स्तब्ध है। भाजपा नेता और अधिवक्ता अजय अग्रवाल की इस जनहित याचिका पर प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी।

नयी दिल्ली, 12 अगस्त(भाषा) सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की सीबीआई की ‘एकीकृत’ जांच के लिये दायर जनहित याचिका पर उच्चतम न्यायालय बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा। जनहित याचिका में कहा गया है कि इस मामले की मुंबई पुलिस द्वारा की जा रही जांच के तरीके से पूरा देश स्तब्ध है। भाजपा नेता और अधिवक्ता अजय अग्रवाल की इस जनहित याचिका पर प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत इससे पहले 30 जुलाई और सात अगस्त को इसी तरह की अलका प्रिया और मुंबई के कानून के छात्र द्विवेन्द्र देवतादीन दुबे की जनहित याचिकायें खारिज कर चुकी हैं। न्यायालय ने सात अगस्त को दुबे की याचिका खारिज करते हुये कहा था, ‘‘मृतक के पिता इस मामले को आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसी कोई वजह नहीं है कि वह इसे ठीक से आगे नहीं बढ़ायेंगे। इस मामले में आप एक अनजान व्यक्ति हैं और आप अनावश्यक ही इसमें आ रहे हैं। हम इसकी अनुमति नहीं देंगे।’’ बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (34) का शव 14 जून को मुंबई के उपनगर बांद्रा में स्थित उनके मकान की छत से लटका मिला था। इसके बाद से ही मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और अब तक कम से कम 56 व्यक्तियों के बयान दर्ज कर चुकी है। इस मामले में सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने पटना के राजीव नगर थाने में प्राथिमकी दर्ज करायी है। प्राथमिकी में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उसके परिवार के सदस्यों सहित छह अन्य व्यक्तियों पर सुशांत को आत्महत्या के लिये मजबूर करने सहित कई गंभीर आरोप लगाये गये हैं।अधिवक्ता अग्रवाल लंबे समय से बोफोर्स तोप सौदा दलाली कांड के मामले को शीर्ष अदालत में आगे बढ़ाते आ रहे हैं। उन्होंने याचिका में कहा है कि इस अभिनेता की असमय मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिये जरूरी है कि इसकी जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंपी जाये। अग्रवाल ने अपने अतिरिक्त हलफनामे में दलील दी है कि इस मामले की जांच करने के मुंबई पुलिस के तरीके से पूरा देश स्तब्ध है। पुलिस की शुरूआती जांच में अनेक खामियां हैं। इनकी जांच भी जरूरी है कि क्या ये खामियां जानबूझ कर की गयी हैं या नहीं ।उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे जैसे जिम्मेदार नेता ने आरोप लगाया है कि यह सीधे-सीधे हत्या का मामला है। याचिका में कहा गया है कि इस मामले में सभी इलेक्ट्रॉनिक चैनलों पर मीडिया ट्रायल हो रहा है। इस मीडिया ट्रायल पर विराम लगाने के लिये जरूरी है कि सीबीआई से इसकी एकीकृत जांच करायी जाये, जो इस तरह के चर्चित मामलों की निष्पक्ष जांच करने में पूरी तरह दक्ष है। अग्रवाल ने याचिका में कहा है कि बॉलीवुड के उभरते सितारे सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को रहस्यमय परिस्थितियों में अपने आवास में मृत पाये गये थे। मुंबई पुलिस ने तत्काल ही इसे आत्महत्या का मामला घोषित कर दिया लेकिन ‘एम एस धोनी’ जैसी फिल्म में मुख्य किरदार की भूमिका निभाने वाले इस अभिनेता के बारे में पुलिस की यह कहानी किसी को हजम नहीं हुयी।याचिका में सुशांत सिंह राजपूत के साथ सह-जीवन में रहने वाली रिया चक्रवर्ती द्वारा उसके खाते से 15 करोड़ रुपए निकाले जाने संबंधी खबरों का भी जिक्र किया है। इस घटना के संबंध में पटना में दर्ज प्राथमिकी बिहार सरकार पहले ही जांच के लिये केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने की सिफारिश कर चुकी है और केन्द्र ने इसे स्वीकार करके आवश्यक अधिसूचना भी जारी कर दी है। दूसरी ओर, रिया चक्रवती ने सुशांत सिंह राजपूत के पिता द्वारा पटना में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी मुंबई स्थानांतरित करने के अनुरोध के साथ शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर रखी है। रिया चक्रवती की इस याचिका पर न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की एकल पीठ ने मंगलवार को इस अभिनेत्री के साथ ही सुशांत के पिता कृष्ण किशोर सिंह, बिहार सरकार, महाराष्ट्र सरकार तथा केन्द्र सरकार की दलीलें सुनी थीं। इस याचिका पर न्यायालय अपना आदेश बाद में सुनायेगा।

Click