स्पीड ब्रेकर पर तेज गति से चलाया वाहन, चली गोलियां

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कौशाम्बी | सराय अकिल थाना क्षेत्र के अकबराबाद गुहौली में सोमवार को महज स्पीड ब्रेकर पर तेज गति से वाहन चलाने पर गोलियां चली। घटना में एक 55 वर्षीय शख्स को गोली लगी है। जिसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल की हालत अस्पताल में स्थिर बताई जा रही है। पुलिस की प्राथमिक जाँच में मामले के पीछे स्पीड ब्रेकर पर तेज रफ़्तार से ट्रैक्टर ले जाना सामने आया है। पुलिस अफसरों ने मौके पर स्थिति के नियंत्रण में होने का दावा किया है।

बताया जा रहा है, सोमवार को गांव में दलित पक्ष के फूल कुमार, राज कुमार, शशि आदि सवर्ण पक्ष के राजेंद्र प्रसाद शुक्ल उर्फ़ छेदी के घर के सामने की सड़क से मिट्टी की धुलाई कर रहा था। नीरज शुक्ल का आरोप है, आरोपित पक्ष सड़क पर बने ब्रेकर पर टैक्टर धीमी गति से न ले जाकर तेज रफ़्तार से ले जा रहे थे। जिसका विरोध राजेंद्र उर्फ़ छेदी ने किया। जिससे नाराज़ होकर आरोपित पक्ष ने राजेंद्र पर राइफल से गोलिया चलानी शुरू कर दी। तकरीबन 30 से 40 राउंड गोलिया राइफल व तमंचा चलाई गई है। घटना में राजेंद्र प्रसाद शुक्ल को बाये बाह में गोली लगी है। जिन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गांव में फायरिंग की सूचना पर सराय अकिल पुलिस समेत भारी पुलिस बल मौके पर पंहुचा। हालत को काबू में कर पुलिस ने घायल राजेंद्र को अस्पताल में भर्ती कराया है। एसपी अभिनंदन का कहना है, प्रथम दृष्टया मामला स्पीड ब्रेकर पर वाहन तेज गति से चलाये जाने का विवाद सामने आया है। घटना की विस्तृत जाँच के निर्देश सराय अकिल पुलिस को निर्देश दिए गए है। पूरे मामले की जाँच सीओ चायल की निगरानी में की जाएगी। फिलहाल अभी किसी भी आरोपित की गिफ्तारी नहीं की जा सकी है। जल्द ही तहरीर के अनुसार मुकदद्मा दर्ज कर गिरफ्तारी की कार्यवाही की जाएगी।

गौरतलब है कि अकबराबाद गुहौली गांव में 7 साल पहले दलित पक्ष के युवक से ब्राह्मण पक्ष की युवती से प्रेम विवाह कर लिया था। युवक युवती के प्रेम विवाह के बाद दोनों गांव लौट कर नहीं आये, लेकिन दोनों परिवारों के बीच इस बात को लेकर तनातनी अब भी बनी हुयी है। 3 वर्ष एक पक्ष के यहाँ समारोह के दौरान विवाद हो गया और दोनों पक्ष आमने सामने आ गए। कई घंटे तक मारपीट और फायरिंग की घटना हुयी थी। जिसमे दोनों पक्ष से कई लोग घायल हुए थे। हालत सामान्य करने में पुलिस को कई घंटे का समय लगा था। सुरक्षा के लिहाज से अफसरों ने गांव में 3 माह तक एक सेक्सन पीएसी तैनात कर रखी थी।

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