हम हर संभावित चुनौती के लिए तैयार- नरवणे

7

अयोध्या: ——
मनोज तिवारी ब्यूरो रिपोर्टअयोध्या।
अयोध्या के डोगरा रेजिमेंट के शताब्दी समारोह में गुरुवार को उत्साह, शौर्य व सम्मान का अद्भुत संगम दिखा। जमेदार लाला परेड ग्राउंड में परेड की सलामी लेने और रेजिमेंट को निशान प्रदान करने के बाद सैन्य अधिकारियों व सैनिकों को संबोधित करते हुए थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और हम हर संभावित चुनौती के लिए तैयार हैं। नए हथियार और आधुनिक उपकरणों से सेना की क्षमता में निरंतर वृद्धि हो रही है।
थल सेनाध्यक्ष ने नवगठित इकाइयों को उनकी सेवा के शुरुआती चरणों में शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई भी दी। उन्होंने 20 व 21 डोगरा के सभी रैंकों और परिवारों को अपनी शुभकामनाएं दी और उन्हें भारतीय सेना की शानदार छवि के अनुरूप राष्ट्र की सेवा करने के लिए कहा। मीडिया से बातचीत के दौरान यह भी बताया कि एक आधुनिक और पेशेवर भारतीय सेना को अपने रास्ते में आने वाली किसी भी चुनौती के लिए हमेशा तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि डोगरा रेजिंमेंट का इतिहास पराक्रम से भरा है और आजादी के पूर्व व बाद के प्रत्येक युद्ध में इस रेजिमेंट ने शौर्य-साहस का उदाहरण पेश किया है।
सेना प्रमुख ने इस स्वर्णिम इतिहास का श्रेय उन वीरों को दिया है, जिन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान देकर तिरंगे पर आंच नहीं आने दी। उन्होंने कहा, डोगरा रेजिमेंट की गौरव-गाथा, युद्ध कौशल अनेक बैटिल आनर, गैलेंट्री अवार्ड अपूर्व रण-कौशल और अदम्य साहस का प्रतीक है। इस दौरान थल सेना अध्यक्ष ने रेजिमेंट के कुछ जवानों को मेडल दे सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी नितीश कुमार व एसएसपी शैलेश पांडेय भी मौजूद रहे।
डोगरा रेजिमेंट बड़ी संख्या में वीरता पुरस्कारों के साथ इन्फैंट्री की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी रेजिमेंटों में से एक है। डोगरा रेजिमेंट को स्वतंत्रता के बाद 11 युद्ध सम्मानों से सम्मानित किया गया है, जिसमें 1 अशोक चक्र, 9 महावीर चक्र, 11 कीर्ति चक्र, 58 शौर्य चक्र और 39 वीर चक्र शामिल हैं। रेजिमेंट को 23 पूर्व स्वतंत्रता संग्राम सम्मानों से भी सम्मानित किया गया है, जिसमें 3 विक्टोरिया क्रॉस और 43 सैन्य क्रॉस शामिल हैं।

Click