हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 – शिमला विधानसभा सीट कांग्रेस की झोली में

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हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 - शिमला विधानसभा सीट

हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 – शिमला विधानसभा सीट कांग्रेस की झोली में

हिमाचल असेंबली चुनाव में शिमला सीट पर कांग्रेस के हरीश जनार्था को जीत मिली है। इसी कड़ी में शिमला जिले की शिमला विधानसभा सीट पर कुल सात कैंडीडेट मुकाबले में हैं। बीजेपी ने यहां से मौजूदा विधायक सुरेश भारद्वाज को हटाकर चाय बेंचने वाले संजय सूद को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस के हरीश जनार्था और आप के चमन राकेश यहां कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

साल 2017 में शिमला असेंबली क्षेत्र से बीजेपी के सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस कैंडीडेट हरीश जनार्थी को 1,903 वोट से हराया था। इस चुनाव में भाजपी उम्मीदवार सुरेश  भारद्वाज को 14,012 मत मिले थे, जो कुल हुए मतदान का 43.2 फीसदी था। वहीं दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेसी कैंडीडेट हरीश जनार्थी को 12,109 वोट मिले थे। जो पोल हुए कुल मतों का 37.39 प्रतिशत था।

साल 2012 में शिमला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के सुरेश भारद्वाज ने कांग्रेस कैंडीडेट हरीश को 628 वोट से परास्त किया था। इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार सुरेश भारद्वाज को 11,563 मत मिले थे, जो कुल हुए मतदान का 35.57 फीसदी था। वहीं दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस कैंडीडेट हरीश को 10,935 वोट मिले थे। जो पोल हुए कुल मतों का 33.63प्रतिशत था।

अब एक नज़र शिमला विधानसभा सीट के प्रत्याशियों की मज़बूती पर..

 

शिमला विधानसभा सीट के प्रत्याशियों की मज़बूती

 

बीजेपी कैंडीडेट संजय सूद

अखबार और चाय बेंचते थे संजय सूद

करोड़पति हैं संजय सूद

दो बार पार्षद रहे हैं संजय सूद

हिमाचल बीजेपी के कोषाध्यक्ष हैं संजय

 

कांग्रेस प्रत्याशी हरीश जनार्थी

2017 में भी चुनाव लड़ा हरीश जनार्थी ने

शिमला के उप महापौर रहे हैं हरीश जनार्थी

कांग्रेस ने हरीश जनार्थी दोबारा जताया है भरोसा

 

आप उम्मीदवार चमन राकेश

समाजसेवी हैं चमन राकेश

सोशल इश्यू पर आक्रामक हैं चमन राकेश

अब बात करते हैं शिमला विधानसभा सीट के मतदाताओं की … यहां पर कुल वोटरों की संख्या 48,608है। जिनमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या25,402 है। वहीं महिला वोटरों की तादाद 23,206है।

शिमला विधानसभा सीट पर कुल मतदाता

कुल वोटर –48,608

पुरुष मतदाता –25,402

महिला मतदाता –23,206

हिमाचल के अन्य क्षेत्रों की तरह शिमला असेंबली सीट पर भी पेयजल, सड़क, स्वास्थ्य के मुद्दे इस चुनाव में हावी हैं। हालांकि मतदाताओं के बीच ये बड़ा मुद्दा अभी तक नहीं बना पाया है।

 

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