700 परिवार के लिए भगवान से कम नहीं है ये

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लॉक डाउन के दौरान यूपी पुलिस किस तरह काम कर रही ये ये बात किसी से छिपी नहीं है। बावजूद इसके हम आपको यूपी पुलिस के है काम से रूबरू करा रहे हैं। अगर सिर्फ लखनऊ की बात करें तो राजधानी में पुलिस ने इन दस दिनों में 700 परिवारों के खाने की जिम्मेदारी उठाई और साथ ही उन्हें पलायन से भी रोका। संस्थाओं के साथ मिलकर पुलिसकर्मी खुद आगे आकर लोगों के खाने का इंतजाम कर रहे हैं। ताकि कोई भूखा ना सोने पाए।

बांट रहे राशन

अगर बात करें लखनऊ पुलिस की, तो खुद पुलिसकर्मी आगे आकर लोगों के घरों में राशन पहुंचा रहे हैं, खाना पहुंचा रहे हैं। ताकि भूख से कोई परेशान ना हो। लॉक डाउन के चलते अभी कुछ बन्द हैं। इस वजह से सबसे ज्यादा परेशान उन लोगों को आ रही है जो प्रतिदिन की कमाई से अपना घर चलते हैं। इन्हीं लोगों के लिए पुलिस हाथ बढ़ा रही है। राजधानी के कृष्णा नगर इबलाके में इंद्रपुरी रेलवे लाइन के किनारे पॉलिथीन की झोपड़ी बनाकर करीब सात सौ परिवार रहते हैं। ये परिवार बिहार, बंगाल, झारखंड और यूपी (UP) के अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं और सभी परिवार दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते हैं।

रोजगार बन्द होने से परेशान इन परिवारों ने पलायन की बता ठान ली थी। बस्ती के पास से किसी ने एसीपी कृष्णा नगर दीपक कुमार को फोन कर सामूहिक पलायन की जानकारी दी, जिसपर एसीपी ने कुछ समाजसेवी लोगों से संपर्क कर इन लोगों के लिए राशन की व्यवस्था करने का आग्रह किया। दीपक कुमार की इस मुहिम को डीसीपी सेंट्रल दिनेश सिंह, एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा, इंस्पेक्टर कृष्णा नगर डीके उपाध्याय का साथ मिला। सबने मिलकर इस पूरी बस्ती के लिए लॉकडाउन तक राशन, दवाई और साफ सफाई का जिम्मा लिया।

700 परिवारों की उठाई जिम्मेदारी

इतना ही नहीं पुलिस टीम ने इन लोगों तक समय से राशन पहुंचाने की भी जिम्मेदारी ली। सुबह तो पुलिस टीम इन्हें बना हुआ खाना देती है, वहीं दोपहर और रात के लिए राशन पहुंचाया गया है। पुलिस वालों का ये रूप देखकर बस्ती वाले भी भावुक हैं। क्योंकि वहां तकरीबन 700 परिवार रहते हैं, और सभी का ख्याल पुलिसकर्मी रख रहे हैं।

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