9.4 करोड़ रुपये के ऋणी को संरक्षण दे रहे आंन्ध्रा बैंक मैनेजर – ओ.पी. यादव

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रिपोर्ट- सुरेश

  • जिलाधिकारी रायबरेली को कार्यवाही हेतु भेजा गया पत्र
  • अनैतिक लाभ पाने के लिए बन्धक भूमि को खाद्य एवं विपणन विभाग ने किराये पर लिया
  • जगदीप कुमार ने अपने लड़के अयुष उर्फ दीपू के नाम से किया फर्जीवाड़ा
  • न्यायालय में प्रभावी ढंग से पैरवी किए जाने की मांग

रायबरेली, 4 दिसम्बर, 2020!सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व डीजीसी (फौ0) ओ.पी. यादव ने जिलाधिकारी रायबरेली के पत्र भेजकर आन्ध्रा बैंक के मैनेजर पर 9.4 करोड़ रूपया के बकायेदार को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। बैंक मैनेजर व खाद्य एवं विपणन विभाग के अधिकारियों से सांठ-गांठ कर जगदीप कुमार ने अपने लड़के से एग्रीमेन्ट करवा के बन्धक भूमि जिसकी नीलामी होनी है किराये पर उठा दिया। न्यायालय में बैंक की तरफ से पैरवी नहीं की जा रही है, जिससे जनता की गाढ़ी कमाई का 9.4 करोड़ रूपया डूबने वाला है। जिलाधिकारी को भेजे गये पत्र में लिखा गया है कि आन्ध्रा बैंक शाखा रायबरेली से मेसर्स यश फूड्स के पार्टनर जगदीप कुमार, श्रीमती शकुंतला देवी व आयुष कुमार एवं गारन्टर अशोक कुमार ने शाखा प्रबन्धक से सांठ-गांठ कर 5,98,00,000/- का ऋण लिया। ऋण की अदायगी न होने पर बैंक ने अन्तर्गत धारा-14 अधिनियम वित्तीय परिसम्पत्तियों के प्रतिभूतिकरण तथा पुननिर्माण एवं प्रतिभूतिहित प्रवर्तन (सरफेसी) अधिनियम 2002 वाद संख्या-01215/2018 आन्ध्रा बैंक बनाम् मेसर्स यश फूड्स व अन्य का वाद अपर जिलाधिकारी प्रशासन रायबरेली के यहाँ योजित किया। मान्नीय न्यायालय द्वारा बंधक की गयी सम्पत्तियों को बैंक द्वारा कब्जा किये जाने का आदेश 12-12-2018 को पारित किया गया। आदेश की एक प्रति क्रियान्वयन में सहयोग करने हेतु उप जिला मजिस्ट्रेट महराजगंज एवं थानाध्यक्ष महराजगंज को भेजी गयी। आन्ध्रा बैंक के शाखा प्रबन्धक द्वारा औपचारिकता पूरी करने हेतु एस.डी.एम. महराजगंज को पत्र भेजा गया, एस.डी.एम. महराजगंज ने पत्रांक 7336 पर 11-02-2019 को तहसीलदार महराजगंज को नियमानुसार आ0का0 करायें का आदेश किया गया। तहसीलदार मह राजगंज ने पत्राँक-29 पर दिनांक 12-02-2019 को रा.नि./ले. कृपया अनुपालन करें, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। आन्ध्रा बैंक के शाखा प्रबन्धक द्वारा दूसरा पत्र भी औपचारिकता पूरी करने के उद्देश्य से एस.डी.एम. महराजगंज को पत्र भेजा गया। एस.डी.एम. महराजगंज ने पत्रांक-830 पर दिनंाक 06-09-2019 को तह0 (म0) कृपया प्रकरण की जाँच कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करें का आदेश पारित किया। तहसीलदार महराजगंज ने पत्रांक 1502 पर दिनांक 09-09-2019 को रा0नि0/ले0 जाँचकर नियमानुसार निस्तारण कर आख्या दें, लेकिन कोई कार्यवाही आज तक नहीं हुई। उल्लेखनीय है कि इस मामले में एक मुकदमा मान्नीय ऋण वसूली न्यायालय, लखनऊ में विचाराधीन है। जिसमें आगामी तारीख दिनांक 05.04.2021 को फाइनल आग्रूमेन्ट हेतु नियत है। इस मुकदमें में बैंक की तरफ से पैरवी शाखा प्रबंधक, आंध्रा बैंक, रायबरेली स्वयं कर रहे हैं, जो कि विपक्षीगण जगदीप कुमार आदि से पूरी तरह मिले हुए है। मामले में बैंक की तरफ से पैरवी किए जाने हेतु किसी अन्य अधिकारी/कर्मचारी को नामित किया जाना न्यायहित में अति आवश्यक हैं। शाखा प्रबंधक विपक्षीगण से मिलकर मोटी रकम ले चुके हैं तथा विपक्षीगणों को यह भी आशान्वित किया है कि ऋण अदायगी नहीं करना पड़ेगा और न ही बंधक सम्पत्ति का कुछ होगा। शाखा प्रबंधक उपरोक्त मुकदमें में कूटरचित तरीके से विपक्षीगणों को बंधक सम्पत्ति में स्थगनादेश दिलवाने मंे सफल हो गये हैं, क्योंकि आज की तिथि तक मान्नीय ऋण वसूली न्यायालय (डी.आर.टी.) मंे पड़ने वाली तिथियों में बैंक की तरफ से कभी भी कोई अधिवक्ता/अधिकारी/कर्मचारी पैरवी हेतु उपस्थिति ही नहीं हुए, और न ही कोई आपत्ति दाखिल की गयी। अनपुस्थिति की स्थिति में पूरा फायदा विपक्षीगणों को मिल रहा है एवं बैंक के उक्त रूपये 9,39,00,000/- (रूपये नौ करोड़ उनलतालिस लाख) का भारी नुकसान हो रहा है। बैंक मैनेजर से सांठ-गांठ कर बंधकशुदा सम्पत्ति को जगदीप कुमार ने अपने लड़के आयुष उर्फ दीपू के माध्यम से अवैधानिक तरीके से एग्रीमेन्ट कराकर जिला खाद्य विपणन अधिकारी को किराये पर दे दिया है, जिससे बन्धकुशदा सम्पत्ति से बैंक अदायगी करने के बजाए उससे स्वयं कमाई कर रहे हैं और एक बैक में एक पैसा तक नहीं जमा कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में एक माँग-पत्र दिनांक 07 दिसम्बर 2019 को श्रीमान जिलाधिकारी महोदय रायबरेली को दिया गया था, लेकिन बैंक मैनेजर द्वारा इस पर न तो वसूली हेतु प्रभावी कार्यवाही की गयी और न ही मुकदमें की पैरवी प्रभावी रूप से की गयी, जिसके फलस्वरूप बन्धकशुदा सम्पत्ति पर जगदीप कुमार द्वारा कूटरचित ढंग से जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी को बन्धकशुदा सम्पत्ति किराये पर देकर स्वयं लाभान्वित हो रहे हैं। जिलाधिकारी को भेजे गये मांग-पत्र के माध्यम से मांग की है कि जनहित एवं न्यायहित में मान्नीय न्यायालय के आदेश का अनुपालन कराके जनता की गाढ़ी कमाई का बैंक में जमा पैसा वसूलने हेतु बंधक सम्पत्तियों पर बैंक को भौतिक कब्जा दिलाते हुए अवैधानिक रूप से बैंक में बन्धकुशदा सम्पत्ति पर संचालित जिला खाद्य विपणन अधिकारी के किरायेनामे को निरस्त करते हुए सम्बन्धित के विरूद्ध वैधानिक एवं विभागीय कार्यवाही की जाए तथा मान्नीय ऋण वसूली न्यायालय (डी.आर.टी.) मेें पड़ने वाली आगामी तिथि 05-04-2021 को बैंक की तरफ से किसी सक्षम न्यायप्रिय अधिकारी एवं अधिवक्ता को उपस्थिति होने हेतु सम्बन्धित को उचित दिशा-निर्देश पारित करने एवं शाखा प्रबन्धक आन्ध्रा बैंक के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाए।

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