अरे! ये कहां के श्रमिकों को नहीं मिल रही मज़दूरी

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  • दर्जनों श्रमिकों ने मजदूरी दिलाये जाने को डीएम से की मांग

  • निर्माणाधीन मेडिकल कालेज (एम्स) में अम्बर इलेक्ट्रॉनिक कम्पनी के ठेकेदार की मनमानी उजागर

रिपोर्ट – दीपक राही

रायबरेली – कोरोना वैश्विक महामारी के चलते लॉक डाऊन के बाद सभी प्रकार की फैक्ट्रियों और निर्माण कार्य बंद कर दिया गया । दरियापुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य पर भी रोक लग गई। निर्माण कार्य बंद होने के बाद से बिहार और पश्चिम बंगाल के सैकड़ों प्रवासी मजदूर पलायन कर गए । बताते चलें लगभग 1 दर्जन से अधिक श्रमिकों ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि वह सभी अंबर इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड कंपनी में काम करते हैं । सभी मजदूरों को ठेकेदार जीवेश और सुपरवाइजर ने बीती फरवरी माह से मजदूरी देना बंद कर दिया । जिससे सभी के भरण पोषण में समस्या उत्पन्न हो गई है । रघुनंदन, महेश कुमार, सर्वेश, कमलेंद्र प्रताप, मुकेश अवस्थी, दिलीप कुमार, अंशू, हरीलाल, सत्यप्रकाश पांडे, अविनाश, गंगासागर, बबलू, राम गोपाल, हंसराज, राजीव कुमार सहित दर्जनों श्रमिकों ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर बकाया मजदूरी दिलाए जाने की मांग की । उल्लेखनीय है कि कंपनी द्वारा संबंधित ठेकेदार को भुगतान भी कर दिया गया है । बावजूद इसके श्रमिकों को उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया जाना ठेकेदार की मनमानी और दबंगई उजागर करता है । जहां एक तरफ सरकार श्रमिकों को नौकरी से नही निकाले जाने और उनकी मजदूरी का भुगतान किए जाने के सख्त निर्देश दिए हैं । वही निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज में कार्यरत दर्जनों श्रमिकों की मजदूरी नहीं मिलने से श्रमिकों और उनके परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं ।

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